अब थोड़ी कम जहरीली हवा में ले रहे हैं सांस, चार साल पहले दिल्ली की तस्वीर ऐसी नहीं थी
दिल्ली और एनसीआर की हवा जहरीली है लेकिन अगर पिछले चार की तुलना करें तो उसमें कमी आई है।
पिछले चार साल की तुलना में दिल्ली में हवा कम जहरीली
दीपावली की रात दिल्ली एनसीआर में जमकर हुई आतिशबाजी के बाद राजधानी दिल्ली की आबोहवा बेहद ही जहरीली हो चुकी है।दिल्ली के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से ऊपर पहुंच चुका है जो कि बेहद ही खराब स्थिति माना जाता है, अंदाजा यह लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ सकती है जिसके चलते आम लोगों को शारीरिक तौर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। सिर्फ आज यानी सोमवार की ही बात करें तो दिल्ली एनसीआर में AQI खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है ।Safar india air quality service के मुताबिक पूरी दिल्ली में AQI 323 पहुँच चुका है जोकि बेहद खराब श्रेणी में गिना जाता है।अगर हम पिछले 4 सालों की बात करे तो जानकारी के मुताबिक साल 2021 में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 382 था, साल 2020 में 414 , साल 2019 में 337, साल 2018 में ये आंकड़ा 281 था..यानी कि साफ है कि इस बार प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ सालों के मुकाबले थोड़ा कम दिखाई दे रहा है हालांकि स्थिति बेहद खराब जरूर दिखा रहा है।
हवा जहरीली लेकिन थोड़ी राहत
सोमवार सुबह हम अगर दिल्ली के अन्य हिस्सों की बात करें तो दिल्ली यूनिवर्सिटी में AQI 365 ( बेहद खराब) , पूसा 322 (बेहद खराब), लोधी रोड़ 273 (खराब) , एयरपोर्ट 354 (बेहद खराब) , मथुरा रोड़ 322 , आया नगर 306, iit 280 है।नोएडा की अगर बात करें आज यहाँ प्रदूषण का स्तर 342 पहुँच चूका है। गुरुग्राम में 245 (खराब) दिखा रहा है।आपको बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है।इस बीच मौसम का पूर्वानुमान करने वाली निजी संस्था स्काईमेट के वैज्ञानिकों का यह मानना है कि आने वाले दिनों में दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण और ज्यादा बढ़ेगा क्योंकि न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होती रहेगी जिसकी वजह से फिलहाल प्रदूषण से किसी तरह की मुक्ति संभव नहीं दिख रही है हालांकि स्काईमेट का यह कहना है कि प्रदूषण का सीवियर होगा hazardous नहीं होगा क्योंकि हवा अभी भी हल्की गति में चल रही है
क्या कहना है डॉक्टर का
Felix Hospital के चेयरमैन डॉक्टर डी के गुप्ता के मुताबिक बढ़े हुए प्रदूषण की वजह से कोरोना के संक्रमित हुए मरीजों के लिए ये प्रदूषण खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टर गुप्ता बताते है कि बड़े हुए प्रदूषण की वजह से फेफड़ों की बीमारी हो सकती है ,सांस लेने में दिक्कतों का सामना हो सकती है और अस्थमा का अटैक भी आ सकता है। इसलिए उन्हें अपना विशेष ध्यान रखना जरूरी है। आम लोगों की बात करने तो प्रदूषण की वजह से आंखों में जल्द , सांस लेने में दिक्कत, गले मे खरास , माइग्रेन जैसी दिक्कत आ सकती है। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को भी खास ध्यान रखने की जरूरत है डॉक्टर कहते हैं कि जब खुद से ज्यादा पड़ता है तो उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है ऐसे में उनके लिए जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलना ठीक रहता है। मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।डॉक्टर बताते है कि बढ़ा हुआ प्रदूषण हेल्थ इमरजेंसी जैसा हालात पैदा कर सकता है इसलिए इसपर लगाम लगाना बहुत जरूरी है।
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