पहली बारिश में ही पानी-पानी दिल्ली, हवा हुए पूरी तैयारी के दावे, बरसात ने 88 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
बारिश होने से जहां एक ओर दिल्लीवासियों को भीषण गर्मी से राहत मिली है, वहीं सड़कों पर पानी जमा होने से परेशानी भी बढ़ी है। मेयर ने कुछ ही दिन पहले दावा किया था कि इस बार सड़कों पर पानी नहीं भरेगा, लेकिन पहली बारिश ने उनके दावे धो डाले। बारिश ने 88 साल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
पहली ही बारिश में डूबी दिल्ली
नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में अभी एक हफ्ते पहले तक भीषण गर्मी से लोग बेहाल थे। रिकॉर्डतोड़ गर्मी से बेहाल लोग, बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे थे। आखिर जब बारिश हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली। पहली बारिश में लोग बड़े खुश नजर आए, घर छोड़ बहुत से लोग सड़कों और पार्कों में आ गए। लेकिन इस बारिश को आफत बनते देर भी नहीं लगी। गुरुवार 27 जून की सुबह से शुक्रवार सुबह तक दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश का दौर रहा। बारिश ने 88 साल का रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया और अंडरपास से लेकर गलियों और सड़कों तक पर पानी भर गया। इससे प्रशासन के सारे दावे धरे के धरे रह गए।
दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार देर रात से हो रही बारिश के चलते कई जगहों पर जलभराव हो गया, जिसके कारण शुक्रवार को लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार सुबह 8.30 बजे से शुक्रवार सुबह 8.30 बजे तक दिल्ली में 228 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह 1936 के बाद जून महीने में 24 घंटे में हुई सबसे ज्यादा बारिश है। उस साल 28 जून को 235.5 मिमी बारिश हुई थी।
दिल्ली में जून के पूरे महीने में औसतन 80.6 मिमी बारिश होती है। पिछले 24 घंटे में ही उससे लगभग तीन गुना बारिश होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। सुबह ऑफिस और काम पर जाने वालों को जाम और जलजमाव से जूझना पड़ा। हालांकि, लोगों को दो महीने से जारी भीषण गर्मी से जरूर राहत मिली है। शुक्रवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 24.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 3.2 डिग्री कम है।
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 15 साल में कभी पूरे जून महीने में भी कुल 200 मिमी बारिश नहीं हुई है। मौसम की पहली बारिश ने ही दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय के दावों की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा था कि इस बार दिल्ली वाले मानसून को पूरी तरीके से एंजॉय करेंगे। ड्रेनेज की सफाई का काम पूरा हो चुका है, लेकिन मौसम की पहली बारिश में ही जगह-जगह हुए जलभराव से उनके दावों की पोल खुल गई है।
आईटीओ पर करीब दो-तीन फीट पानी भर गया है, जिससे वहां जाम लग गया। मंडी हाउस जाने वाले हनुमान मंदिर चौराहे पर तीन फीट पानी भरा हुआ है, जिसके बाद सड़क बंद कर दी गई है। इससे अशोक रोड, फिरोजशाह रोड और कनॉट प्लेस जाने वाले लोगों को दिक्कत हो रही है। कुछ ऐसा ही हाल दिल्ली के मूलचंद और अन्य इलाकों का भी है।
बीते 18 जून को शैली ओबेरॉय ने कहा था कि मानसून आने से पहले अपनी तैयारी को पूरा करने में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और उसके अधिकारी जुटे हुए हैं। एमसीडी मेयर का दावा था कि इस बार न तो दिल्ली की सड़कों पर पानी जमा होगा और न ही उसकी निकासी की कोई समस्या आएगी।
उत्तर प्रदेश के शो विंडो नोएडा में भी हाल बेहाल है। गुरुवार को एक दिन पहले ही नोएडा प्राधिकरण के सीईओ अपने अधिकारियों के साथ जायजा लेने बाहर निकले थे और गुरुवार देर रात से हो रही बारिश के चलते कई इलाकों में जलभराव की समस्या देखने को मिल रही है। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
माना जा रहा है कि जो दावे और वादे किए गए थे वह सब हवा-हवाई थे और उसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा। नोएडा के महामाया फ्लाईओवर, सेक्टर-62, सेक्टर-15 समेत कई इलाकों में लोगों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
- आईएएनएस
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