दिल्ली सरकार में सौरभ भारद्वाज-आतिशी को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की जगह वो दो बड़े नाम कौन से होंगे जो दिल्ली सरकार का हिस्सा होंगे। बताया जा रहा है कि सौरभ भारद्वाज और आतिशी को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

सौरभ भारद्वाज- आतिशी

Delhi Government ministers: भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन(Manish sisodia satyendra jain resignation) अब दिल्ली सरकार के हिस्सा नहीं हैं। अरविंद केजरीवाल सरकार में मनीष सिसोदिया 18 विभागों को संभाल रहे थे। वहीं सत्येंद्र जैन के कंधे पर स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी थी। फिलहाल इन दोनों मंत्रियों के विभागों की जिम्मेदारी कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद को दी गई है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जगह की दो बड़े चेहरों को जगह दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक सौरभ कुमार भारद्वाज और आतिशी(saurabh bhardwaj Atishi) को जिम्मेदारी दी जा सकती है।

कौन हैं सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज, दिल्ली विधान सभा के सदस्य के रूप में ग्रेटर कैलाश निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। नई दिल्ली में जन्मे और पले-बढ़े भारद्वाज कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हैं और उस्मानिया विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक हैं। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली 49 दिनों की आप सरकार में पहली बार दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए थे।खाद्य और आपूर्ति, परिवहन, पर्यावरण और सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालयों को संभाला था। 2015 में हुए अगले विधानसभा चुनाव के लिए AAP ने ग्रेटर कैलाश सीट के लिए फिर से भारद्वाज पर अपना विश्वास जताया और उन्होंने निराश नहीं किया। 2013 में भारतीय जनता पार्टी भाजपा के अजय कुमार मल्होत्रा को हराया था। 2015 में भाजपा के राकेश कुमार गुल्लैया को हराया था।

भारद्वाज का कद तब बढ़ा जब उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को हैक किया जा सकता है। उन्होंने दावा किया था कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने में सक्षम होने के लिए सभी को एक गुप्त कोड जानने की जरूरत है, और वोट डालते समय कोड को मशीन में फीड किया जा सकता है। आप ने ईवीएम में हेराफेरी के तरीकों पर प्रदर्शन दिया और कहा कि ये मशीनें लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।प्रदर्शन के दौरान भारद्वाज ने दिखाया कि कैसे आप के पक्ष में पड़े वोट बीजेपी को ट्रांसफर किए जा सकते हैं। उन्होंने गुप्त कोड दिखाए, जिनका इस्तेमाल वे जिस ईवीएम का परीक्षण कर रहे थे, उससे छेड़छाड़ करने के लिए किया गया था। लेकिन उनके दावों को चुनाव आयोग (ECI) ने खारिज कर दिया था।

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