Demonetisation पर SC से मोदी सरकार को राहतः कहा- गलत नहीं थी प्रक्रिया, RBI से चर्चा के बाद हुआ था फैसला
Demonetisation Verdict: दरअसल, मोदी सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले को विपक्षी दलों ने बड़ा मुद्दा बनाया था। कहा था कि केंद्र ने यह फैसला बिना सोचे-समझे लिया और न ही उसके लिए खासा तैयारी की थी।
कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी के पहले केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बीच सलाह-मशविरा हुआ था। आरबीआई के पास नोटबंदी लाने या करने को लेकर स्वतंत्र अधिकार या शक्ति नहीं है। केंद्र और आरबीआई के बीच चर्चा के बाद ही इस फैसले को लिया गया था। जस्टिस बीआर गवई ने इस दौरान कहा कि केंद्र के फैसले में खामी नहीं हो सकती क्योंकि आरबीआई और केंद्र के बीच इस मुद्दे पर पहले विचार-विमर्श हुआ था। यह प्रासंगिक नहीं है कि इसके उद्देश्य हासिल हुए या नहीं।
कोर्ट के मुताबिक, आठ नवंबर 2016 को जारी अधिसूचना वैध व प्रक्रिया के तहत थी। हालांकि, रिज़र्व बैंक कानून की धारा 26(2) के तहत केंद्र के अधिकारों के मुद्दे पर जस्टिस बीवी नागरत्ना की राय जस्टिस गवई से अलग रही। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सात दिसंबर को निर्देश दिया था कि वे सरकार के साल 2016 में 1000 रुपए और 500 रुपए के नोट को बंद करने के फैसले से जुड़े प्रासंगिक रिकॉर्ड पेश करें।
बेंच ने केंद्र के 2016 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, आरबीआई के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम और श्याम दीवान समेत याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलें सुनी थीं और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
एक हजार और 500 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को ‘गंभीर रूप से दोषपूर्ण’ बताते हुए पूर्व वित्त मंत्री और सीनियर कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने तब यह दलील दी थी कि केंद्र सरकार कानूनी निविदा से जुड़े किसी भी प्रस्ताव को अपने दम पर शुरू नहीं कर सकती है। यह केवल आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर किया जा सकता है।नोटबंदी की कवायद पर फिर से विचार करने के कोर्ट के प्रयास का विरोध करते हुए सरकार ने कहा था कि कोर्ट ऐसे केस का फैसला नहीं कर सकता है, जब ‘बीते वक्त में लौट कर’ कोई ठोस राहत नहीं दी जा सकती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दिल्ली (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited