Demonetisation पर SC से मोदी सरकार को राहतः कहा- गलत नहीं थी प्रक्रिया, RBI से चर्चा के बाद हुआ था फैसला

Demonetisation Verdict: दरअसल, मोदी सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले को विपक्षी दलों ने बड़ा मुद्दा बनाया था। कहा था कि केंद्र ने यह फैसला बिना सोचे-समझे लिया और न ही उसके लिए खासा तैयारी की थी।

Demonetisation Verdict: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को नोटबंदी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सोमवार (दो जनवरी, 2023) को कोर्ट की संविधान पीठ ने केंद्र के साल 2016 के नोटबंदी के फैसले (500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने से जुड़े) के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया और केंद्र के कदम को सही ठहराया। बेंच ने दो टूक कहा है कि नोट बैन करने से जुड़ी निर्णय प्रक्रिया गलत नहीं थी और उसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं थी।
कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी के पहले केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बीच सलाह-मशविरा हुआ था। आरबीआई के पास नोटबंदी लाने या करने को लेकर स्वतंत्र अधिकार या शक्ति नहीं है। केंद्र और आरबीआई के बीच चर्चा के बाद ही इस फैसले को लिया गया था। जस्टिस बीआर गवई ने इस दौरान कहा कि केंद्र के फैसले में खामी नहीं हो सकती क्योंकि आरबीआई और केंद्र के बीच इस मुद्दे पर पहले विचार-विमर्श हुआ था। यह प्रासंगिक नहीं है कि इसके उद्देश्य हासिल हुए या नहीं।
कोर्ट के मुताबिक, आठ नवंबर 2016 को जारी अधिसूचना वैध व प्रक्रिया के तहत थी। हालांकि, रिज़र्व बैंक कानून की धारा 26(2) के तहत केंद्र के अधिकारों के मुद्दे पर जस्टिस बीवी नागरत्ना की राय जस्टिस गवई से अलग रही। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सात दिसंबर को निर्देश दिया था कि वे सरकार के साल 2016 में 1000 रुपए और 500 रुपए के नोट को बंद करने के फैसले से जुड़े प्रासंगिक रिकॉर्ड पेश करें।
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