किसी ने पैसे तो लिए लेकिन टिकट नहीं बेचे गए, मनीष सिसोदिया की सफाई
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी में पैसे में टिकट नहीं बेचे जाते हैं। बता दें कि एमसीडी चुनाव में आप की ही एक कार्यकर्ता का आरोप है कि टिकट के लिए 90 लाख रुपए लिए गए थे।
मनीष सिसोदिया, डिप्टी सीएम, दिल्ली सरकार
एमसीडी चुनाव में आप के एक कार्यकर्ता ने टिकट के लिए 90 लाख की रिश्वत देने का आरोप लगाया। इस आरोप के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया खुद बचाव में उतरे। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी में टिकटों की खरीद और बिक्री नहीं होती है। उन्होंने कहा कि इन आरोपों की जांच स्वतंत्र तरीके से होनी चाहिए। सिसोदिया का कहना है कि पैसे का भुगतान हुआ था। लेकिन टिकट नहीं बेचे गए। किसी ने टिकट के लिए पैसे दिए और पैसे ले लिए गए। लेकिन टिकट नहीं बेचा गया। इससे साफ है कि हमारी पार्टी में टिकट नहीं बेचा गया।
आप कार्यकर्ता की थी शिकायत
बता दें कि शोभा खारी नाम की आप कार्यकर्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के कमला नगर सीट से पार्षद टिकट के लिए उनसे रिश्वत मांगी गई। शोभा के पति ने आप के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के साले और दो अन्य लोगों के खिलाफ आरोप लगाते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो से शिकायत की। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने कार्रवाई की। हालांकि आप के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी की तरफ से किसी तरह का बयान नहीं आया है।
एसीबी ने बताया कि खारी ने पिछले बुधवार को मॉडल टाउन के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी से मुलाकात कर अपनी पत्नी को कमला नगर के वार्ड नंबर 69 से पार्षद चुनाव के लिए आप का टिकट दिलाने का अनुरोध किया था। त्रिपाठी ने टिकट के बदले कथित तौर पर 90 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसके बाद खारी ने उन्हें 35 लाख रुपये का भुगतान किया था।शिकायत के अनुसार, त्रिपाठी के कहने पर खारी ने आप विधायक राजेश गुप्ता को भी 20 लाख रुपये दिए थे। इसमें दावा किया गया है कि खारी ने त्रिपाठी से कहा था कि वह बाकी राशि का भुगतान टिकट मिलने के बाद करेगा।
शिकायत के अनुसार बाद में त्रिपाठी के साले ने खारी से संपर्क किया और भरोसा दिलाया कि उन्हें अगले चुनाव में टिकट दिया जाएगा। शिकायत केमुताबिक सिंह ने खारी को रिश्वत की रकम लौटाने की पेशकश भी की। सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात को उसने खारी के घर पर जाल बिछाकर सिंह और उसके सहयोगियों-शिव शंकर पांडे तथा प्रिंस रघुवंशी को गिरफ्तार कर लिया, जो खारी को त्रिपाठी द्वारा लिए गए 33 लाख रुपये लौटाने पहुंचे थे। पांडे और रघुवंशी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया। शिकायतकर्ता ने रिश्वत की राशि के भुगतान और वापसी के दौरान हुई कथित बातचीत की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग भी पेश की है। भ्रष्टाचार निरोधी शाखा ने कहा कि पूरे मामले का पता लगाने और सबूत इकट्ठा करने के लिए जांच की जा रही है।
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