पत्नियों ने एक दूसरे के पतियों की बचाई जान, स्वैप के जरिए किडनी का सफल ट्रांसप्लांट
Kidney Transplant: फर्ज करिए कि आप किडनी ट्रांसप्लांट के लिए डोनर का तलाश में हो। लेकिन आपको डोनर नहीं मिल पा रहा हो तो हैरान होना लाजिमी है। दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में किडनी के दो मरीजों को डोनर की तलाश थी। जब उनके सामने सभी विकल्प समाप्त हो गए तो दोनों परिवारों ने एक दूसरे को किडनी देने का फैसला किया। खास बात यह कि एक परिवार का संबंध जम्मू-कश्मीर तो दूसरे का संबंध यूपी से है।
दिल्ली के अस्पताल में किडनी स्वैप के जरिए का सफल ट्रांसप्लांट
- किडनी स्वैप के जरिए ट्रांसप्लांट
- पत्नियों ने एक दूसरे को डोनेट की किडनी
- दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में ट्रांसप्लांट
एक मरीज यूपी तो दूसरा जम्मू-कश्मीर से
62 साल के कश्मीर के रहने वाले मोहम्मद सुल्तान डार और यूपी के बरेली के रहने वाले विजय कुमार को किडनी के सही डोनर नहीं मिल रहे थे। काफी तलाश के बाद उम्मीद तब जगी जब दोनों परिवारों ने एक दूसरे को किडनी डोनेट करने का फैसला किया। विजय कुमार की पत्नी ने मोहम्मद सुल्तान डार को किडनी डोनेट किया और बदले में डार की पत्नी ने विजय कुमार को किडनी दान की।
18 महीने से थे डायलिसिस पर
किडनी ट्रांसप्लांट से पहले दोनों मरीज करीब 18 महीने डायलिसिस पर थे। डोनर स्वैप के जरिए किडनी ट्रांसप्लांट पर फोर्टिस अस्पताल के नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लाट के प्रिंसिपल डॉयरेक्टर डॉ संजीव गुलाटी ने बताया कि जब डोनर और मरीज के ब्लड ग्रुप मैच नहीं करते हैं को स्वैप की मदद ली जाती है, हालांकि यह भारत में बहुत कम होता है। स्नवैप का फैसला लेने के बाद दोनों मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया जहां आवश्यक टेस्ट किए गए।16 मार्च को 6 डॉक्टरों की टीम ने 6 घंटे में चार सर्जरी की। डॉ संजीव गुलाटी बताते हैं कि अगर समय पर किडनी ट्रांसप्लांट नहीं होता तो दोनों मरीज अधिकतम पांच साल तक ही जिंदा रह पाते।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दिल्ली (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited