Firecracker: कोई भी धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता: सुप्रीम कोर्ट ने पूरे साल पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध को व्यापक रूप से लागू करने में विफल रहने और केवल कच्चा माल जब्त करने के लिए दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई तथा इसे महज दिखावा बताया।

राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध का बमुश्किल ही पालन किया गया।

दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध की बड़े पैमाने पर अनदेखी करने पर दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि राजधानी में लगातार वायु प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए पूरे साल पटाखों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जाता। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सवाल किया कि पटाखों पर स्थायी, राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जाता और दिल्ली में केवल उन महीनों के दौरान प्रतिबंध क्यों लगाए जाते हैं, जब राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पूरे साल एक मुद्दा बना रहता है।

दिल्ली में प्रदूषण से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, "हमारा मानना है कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता, जिससे प्रदूषण पैदा हो। अगर इस तरह से पटाखे जलाए जाते हैं, तो इससे नागरिकों के स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार पर भी असर पड़ता है।" मौजूदा प्रतिबंध को लागू करने में विफल रहने पर दिल्ली सरकार और पुलिस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने पूछा कि पटाखों के निर्माण, बिक्री और फोड़ने पर प्रतिबंध केवल अक्टूबर और जनवरी के बीच ही क्यों लागू होते हैं, पूरे साल के लिए क्यों नहीं।"केवल कुछ महीने ही क्यों? वायु प्रदूषण पूरे साल बढ़ता है!" अदालत ने कहा।

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