FireCracker Ban: दिल्ली में इस बार भी दिवाली 'बिना पटाखों वाली', SC ने कहा-जारी रहेगा 'बैन'
Supreme Court on FireCracker ban:सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखा बैन मामले पर दखल देने से इंकार कर दिया है, यानी इस साल भी दिवाली बिना पटाखों के मनेगी।
पटाखा बैन मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल देने से इंकार
- दिल्ली में इस साल भी दिवाली बिना पटाखों वाली ही मनेगी
- पटाखा बैन मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल देने से इंकार
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या आपने प्रदूषण की स्थिति नहीं देखी?
Supreme Court on FireCracker ban in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली (Diwali) को लेकर लोगों के मन में भारी उत्साह है और लोग इसके स्वागत की तैयारियों में जुटे हैं, वहीं इस बार भी पटाखा प्रेमियों को निराशा ही हाथ लगेगी, इसकी वजह बताई जा रही है कि दिवाली में पटाखों के इस्तेमाल पर इस साल भी बैन लगा रहेगा, यानी दिल्ली वाले बिना पटाखों की दिवाली मनाएंगे।
इस मामले में ताजा अपडेट ये है कि पटाखा बैन मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दखल देने से इनकार कर दिया है कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए आदेश पारित किया जाएगा, सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिल्ली में पटाखों पर लगा प्रतिबंध (FireCracker ban) नहीं हटने वाला है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली एनसीआर को लेकर हमारा फैसला एकदम स्पष्ट है, कोर्ट ने कहा कि क्या आपने प्रदूषण की स्थिति नहीं देखी पराली की वजह से पहले ही प्रदूषण बढ़ने लगा है, क्यों आप पहले से बढ़े प्रदूषण को और ज्यादा क्यों बढ़ाना चाहते हैं?
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थीगौर हो कि राजधानी दिल्ली में पटाखा बैन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था, दिल्ली सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, उनकी ओर से दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 10 अक्टूबर को सुनवाई हुई जिसमें ये बात निकल कर आई है।
फैसले को 'पटाखा व्यापारियों' ने बताया था निराशाजनकसांसद मनोज तिवारी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि अगले साल 2 जनवरी तक दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह बैन रहने वाला है। गौर है कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था, दिल्ली सरकार के इस फैसले का पटाखा व्यावसायियों ने विरोध करते हुए इसे निराशाजनक बताया था।
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