पुरानी नहीं पुरानी दिल्ली, इससे 1000 साल पुराना ये इलाका है दिल्ली की सबसे पुरानी बसावट

दिल्ली का सबसे पुरानी इलाका कौन सा है? यकीन मानिए जिसे आप पुरानी दिल्ली कहते हैं, वह ज्यादा पुरानी नहीं है। उससे भी लगभग 1000 साल पुरानी इलाका दिल्ली के सबसे पुराने इलाके के रूप में जाना जाता है। तो फिर देर किस बात की, चलिए जानते हैं दिल्ली का सबसे पुराना इलाका कौन सा है -

oldest habitate area in delhi

पुरानी दिल्ली से भी पुराना दिल्ली का इलाका

देश की राजधानी नई दिल्ली है, लेकिन दिल्ली सदियों से हिंदुस्तान की सत्ता का केंद्र रही है। यहां तमाम राजवंशों ने राज किया और अपनी निशानियां यहां छोड़ गए। ऐसे में प्रश्न ये उठता है कि दिल्ली का सबसे पुराना इलाका कौन सा है। क्या पुरानी दिल्ली को दिल्ली का सबसे पुराना इलाका कहा जा सकता है? आखिर इसके तो नाम में ही पुराना शब्द है। अंग्रेजों की बसाई नई दिल्ली तो दिल्ली का सबसे पुराना इलाका हो नहीं सकती। आखिर आज की दिल्ली का कौन सा इलाका है, जो सबसे पहले आबाद हुआ? चलिए इस पहली को सुलझाते हैं -

दिल्ली का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन इसके ऐतिहासिक साक्ष्य 8वीं सदी में तोमर-राजपूत राजवंश के समय के मिलते हैं। दिल्ली के बारे में कहा जाता है कि यह शहर सात बार उजड़ा है और उतनी ही बार इसे फिर से बसाया गया है। कई विदेशी आक्रांताओं ने लूटने के इरादे से भारत पर हमला किया। उनमें से कई आक्रांताओं ने दिल्ली पर जीत दर्ज करने के बाद दिल्ली की स्ट्रैटजिक लोकेशन के चलते इसे अपनी राजधानी बनाया।

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पुरातन से लेकर मध्य काल तक दिल्ली पर कई ताकतवर राजपूत राजवंशों ने राज किया। जिसमें से कुछ प्रमुख थे तोमर, चौहान और गौतम राजवंश। दिल्ली के इतिहास में दिल्ली सल्तनत एक बड़ा नाम है। एक के बाद एक पांच अलग-अलग राजवंशों की श्रंखला को दिल्ली सल्तनत के नाम से जाना गया। इन राजवंशों ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाकर पूरे भारत पर राज किया।

सल्तनत काल में संस्कृति का केंद्र बनी दिल्ली

सल्तनत काल में दिल्ली संस्कृति का केंद्र बन गई थी। साल 1526 में मुगल अक्रांता बाबर के आने के साथ ही दिल्ली सल्तनत का अंत हुआ। बाबार ने दिल्ली के अंतिम लोदी सुल्तान इब्राहिम लोदी को पानीपत की पहली लड़ाई में हराने के बाद यहां मुगल साम्राज्य की स्थापना की। इसके बाद मुगलों ने तीन सदी तक राज किया। 16वीं सदी में मुगल अपनी राजधानी दिल्ली से आगरा ले गए, लेकिन बाद में पांचवें मुगल बादशाह शाहजहां ने दिल्ली में शाहजहानाबाद नाम से एक चार-दीवारी वाला शहर बसाया। इसके प्रमुख लैंडमार्क जामा मस्जिद और लालकिला आज भी मौजूद हैं।

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मध्य काल की दिल्ली ही सबसे पुरानी

मध्य काल का समय 1526 में बाबर के आगमन के साथ पूरा हुआ। इससे पहले दिल्ली सल्तनत और दिल्ली के पुराने राजपूत राजा जहां से राज करते थे, वही इलाके सबसे पुराने हैं। बात करें दिल्ली सल्तनत की तो इसकी शुरुआत गुलाम वंश के राज कुतुबद्दीन एबक से होता है। इसके बाद खिलजी वंश ने यहां राज किया। दिल्ली सल्तनत में तुगलक वंश तीसरा राजवंश था और उनके बाद सैय्यद व लोदी राजवंश ने यहां राज किया।

महरौली से सबसे पुराना इलाका

जी हां, दक्षिण दिल्ली में महरौली इलाका दिल्ली का सबसे पुराना इलाका माना जाता है। मध्य काल में दिल्ली में बसाए गए सात शहरों में से एक यह इलाका भी था। यहां पर साल 731 ईस्वी के आसपास तोमर राजवंश के प्रमुख अंगपाल प्रथम ने यहां पर लालकोट किले का निर्माण करवाया था। अंगपाल द्वितीय 11वीं सदी में इसको आगे बढ़ाया। हालांकि, अंगपाल द्वितीय अपनी राजधानी दिल्ली से कन्नौज ले गए। 12वीाां सदी में तोमर राजवंश को चौहान राजाओं ने हरा दिया। पृथ्वीराज चौरान ने किले के काम को आगे बढ़ाया और अब इसे किला राय पिथौरा नाम दिया गया।

दिल्ली सल्तनत की शुरुआत

पृथ्वीराज चौहान को साल 1192 में विदेशी अक्रांता मोहम्मद गोरी ने हराया और मार दिया। इसके बाद मोहम्मद गौर अपने जनरल कुतुबद्दीन ऐबक को इंचार्ज बनाकर अफगानिस्तान लौट गया। 1206 में मोहम्मद गौरी की मृत्यु के बाद कुतुबद्दीन ऐबक ने अपने को दिल्ली का सुल्तान घोषित कर दिया और इस तरह वह दिल्ली सल्तनत का पहला सुल्तान बना। इस तरह दिल्ली गुलाम वंश की राजधानी बन गया और महरौली इलाका साल 1290 तक उनकी राजधानी रहा। बाद में खिलजी वंश महरौली से अपनी राजधानी को सिरी ले गया और यहां एक किले का निर्माण कराया। जिसे आज सिरी फोर्ट के नाम से जानते हैं।

दिल्ली का सबसे पुराना इलाका यानी महरौली 200 एकड़ में फैला हुआ है और यहां पर 100 से ज्यादा ऐतिहासिक स्मारकें हैं। यहां पर 1000 साल से भी ज्यादा पुराना कुआं है। महरौली में योगमाया का मंदिर भी है, जिसके बारे में माना जाता है कि उसे पांडवों ने बनवाया था। माना जाता है कि यहीं पर पांडवों ने मायावी महल बनवाया था।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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