Uphaar Cinema: 'मौत और विनाश' की खौफनाक यादों को समेटे हुए 26 साल बाद आज भी खड़ा है 'उपहार सिनेमा'

Uphaar Cinema fire incident: पिछले 26 सालों में कितना कुछ बदल गया है। जिन दुकानदारों ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने की कोशिश की, उनमें से ज्यादातर ने या तो अपना बिजनेस यहां से शिफ्ट कर लिया है या उनके बच्चे अब दुकानें और रेस्तरां चला रहे हैं।सिनेमा के सामने का पूरा एरिया अब एक पार्किंग स्थल है।

'उपहार सिनेमा अग्निकांड' को 26 साल हो चुके हैं

Uphaar Cinema fire incident 26 year: 'उपहार सिनेमा अग्निकांड' को 26 साल हो चुके हैं। 'बॉर्डर' फिल्म देखने के दौरान लगी भीषण आग ने पूरे सिनेमा घर को अपनी चपेट में ले लिया था। कभी मनोरंजन का केंद्र रहा उपहार सिनेमा आज किसी भूतिया इमारत से कम नहीं है। इस त्रासदी को सालों बीत गए हैं। फिर भी इमारत भयानक यादों, जीवन भर के अफसोस और आजीविका के नुकसान की मूरत बनकर एक स्मृति चिन्ह के रूप में खड़ी है। इसने कई लोगों के जीवन को पलट कर रख दिया।

'उपहार सिनेमा अग्निकांड' जब हुआ था, तब मनीष महज 13 साल का था। उसने इस भयानक त्रासदी को देखा था। उसके पिता बिट्टू विष्णु उस वक्त थिएटर के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने एक 'छोले भटूरे' की दुकान चलाते थे।अब मनीष अपने भाई यश के साथ सिनेमा हॉल के पास एक रेस्टोरेंट चलाते हैं।

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