मां-बहन और पत्नी सभी यहां आकर खुश हो जाएंगी, इस वीकेंड यहीं का प्रोग्राम बना लें
दिल्ली में मौजूद नेशनल क्राफ्ट म्यूजियम यानी शिल्प संग्रहालय, कला प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कमी नहीं है। इसके अलावा यहां के कैफे में देश-विदेश का स्वादिष्ट खाना तो मिलता ही है आप यहां पर अलग-अलग राज्यों के ग्रामीण घरों को भी देख सकते हैं। यहां खरीददारी करके मां-बहन-पत्नी सब खुश हो जाएंगी।
नेशनल क्राफ्ट म्यूजियम, गांव की एक झलक यहां मिलती है
मां-बहनों की खुशी दोगुनी करना चाहते हैं तो आपको एक बार उन्हें नेशनल क्राफ्ट म्यूजियम यानी शिल्प संग्रहालय लेकर जरूर जाना चाहिए। आपकी अपनी दिल्ली में मौजूद क्राफ्ट म्यूजियम में कश्मीरी दुशाला, चंबा की एम्ब्रॉयडरी वाली रुमाल, बालुचरी साड़ियां, कच्छ की एम्ब्रॉयडरी, प्रिशियस मेटल ज्वैलरी सब एक जगह मिलती हैं। चलिए जानते हैं क्राफ्ट म्यूजियम के बारे में सब कुछ -
कहां है क्राफ्ट म्यूजियम?क्राफ्ट म्यूजियम दिल्ली की शान इंडिया गेट और प्रगति मैदान के पास भैरों रोड पर मौजूद है। अगर आप कभी चिड़िया घर, पुराना किला या भैरों मंदिर गए हैं तो आप आप नेशनल क्राफ्ट म्यूजियम आसानी से पहुंच जाएंगे, क्योंकि यह उनके बहुत करीब है। इन जगहों से क्राफ्ट म्यूजियम तक पैदल भी आ-जा सकते हैं।
कब जाएं क्राफ्ट म्यूजियमम्यूजियम सुबह मंगलवार से रविवर सुबह 9.30 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। सोमवार और राष्ट्रीय अवकाश के अवसर पर संग्राहलय बंद रहता है। क्राफ्ट के बारे में समझना चाहते हैं तो यहां आप उसके बारे में भी जानकारी ले सकते हैं। गैलरी सुबह 10 से शाम पांच बजे तक और एडमिनिस्ट्रेशन व लाइब्रेरी 10 से 5 बजे तक खुली रहती हैं।
म्यूजियम में क्यों आएं?क्राफ्ट म्यूजियम क्यों आएं? अगर ये प्रश्न आपके जेहन में भी है तो बता दें कि यहां आपको भारतीय शिल्प के अद्भुत नमूने देखनों को मिलेंगे। लकड़ी पर की गई कारीगरी, धातुओं की कारीगरी, पेंटिंग आदि देखने के लिए यहां जरूर आएं। आप जिस भी राज्य के हों, वहां के पुराने जमाने के घर आपको यहां देखने को मिल जाएंगे। फूस की छत और रंगीन दीवारों के साथ मिट्टी की झोपड़ियां, आंगन, टैराकोटा के घोड़े, गांव के मंदिर, काम में व्यस्त कारीगर यहां पर गांवों के माहौल को सजीव कर देते हैं। हैंडिक्राफ्ट के लोक कला का लुत्फ भी यहां पर ले सकते हैं। यहां पर कपड़े, मिट्टी के बर्तन और मूर्तियों से लेकर आदिवासी और लोक चित्रकला का संग्रह देखने को मिलता है। अगर आपकी कला और इतिहास में जरा भी रुचि है तो आपको यहां जरूर जाना चाहिए।
लोटा कैफे में मिलता है स्वादिष्ट भोजनयहां पर आप कुशल कारीगरों से बातचीत भी कर सकते हैं और वह आपको अपनी सदियों पुरानी तकनीक के बारे में बारीकी से बताने को तैयार हैं। क्राफ्ट म्यूजियम आने वालों के लिए यहां का लोटा कैफे बहुत ही खास है। यहां आने वाले लोग गांव के माहौल में कैफे के स्वादिष्ट भोजन को एंजॉय कर सकते हैं। इस कैफे में कई प्रकार के भारतीय और अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों और तरोताजा कर देने वाले ड्रिंक्स का लुत्फ ले सकते हैं।
फोटोग्राफी के नियमम्यूजियम के अंदर फोटो खींचने की मनाही नहीं है, लेकिन यहां प्रदर्शन कर रहे लोगों और अन्य पर्यटकों का ध्यान जरूर रखें। म्यूजियम आ रहे हैं तो आरामदायक कपड़ें और जूते पहनकर ही आएं, क्योंकि यहां आपको काफी चलना पड़ सकता है। म्यूजियम से आप अपने घर के लिए कई सामान खरीदकर ले जा सकते हैं। इसलिए यादगार के तौर पर यहां से कलाकृतियों की खरीददारी करना न भूलें।
कैसे पहुंचें क्राफ्ट म्यूजियमक्राफ्ट म्यूजियम प्रगति मैदान के पास ही है, इसलिए यहां पहुंचना बहुत ही आसान है। दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से यहां तक बस सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा आप ऑटो-टैक्सी से भी यहां आ सकते हैं। यह सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास में ही है, इसलिए मेट्रो भी एक अच्छा विकल्प है। यहां से आप ई-रिक्शा या ऑटो से क्राफ्ट म्यूजियम पहुंच सकते हैं।
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खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्...और देखें
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