MCD: मेयर से अधिक महत्वपूर्ण हुआ स्थाई समिति का चुनाव, जानें मतों की गणित

दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति के लिए मत डाले जाएंगे। कुल 6 सदस्यों के लिए आप की तरफ से चार और बीजेपी की तरफ से तीन उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।

एमसीडी की स्थाई समिति के सदस्यों के लिए चुनाव

दिल्ली नगर निगम को मेयर और डिप्टी मेयर मिल चुके हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जंग जारी है। सवाल बड़ा सीधा है ऐसा क्यों, लेकिन जवाब इसका टेढ़ा है। मामला स्टैंडिंग कमेटी(mcd standing committee election) के सदस्यों के चुनाव को लेकर है। स्टैंडिंग कमेटी में कुल 18 सदस्य होते हैं, जिनमें से 6 का चुनाव सदन की पहली बैठक में होता है, शेष 12 का चुनाव जोन के जरिए होता है। फिलहाल पेंच 6 सदस्यों के चुनाव पर है। कुल 6 सीटों के लिए सात उम्मीदवारों में से चार आम आदमी पार्टी(aap candidates for standing committeee) और 3 बीजेपी के हैं। मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के तुरंत बाद स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के लिए भी चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन बवाल इस बात पर शुरू हुआ कि जब मतदान क्षेत्र में मोबाइल फोन ले जाने पर बैन लगाया गया। दरअसल जब आप के 47 पार्ष द अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे थे तो मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति रही। लेकिन उसके बाद मेयर ने रोक लगा दी। बीजेपी(bjp candidates for standing committee) को पहले ही इस बात पर ऑब्जेक्शन था कि यह तो सीक्रेट वोटिंग का उल्लंघन है।

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यह है मतों का गणित
  • एमसीडी के नियमों के मुताबिक जिस उम्मीदवार 35 पार्षदों का समर्थन हासिल होगा उसे निर्वाचित माना जाएगा।
  • अगर बीजेपी के पार्षदों की संख्या देखें तो कुल 104 पार्षद हैं। इसका अर्थ यह है कि बीजेपी के दो उम्मीदवार तो आसानी से जीत जाएंगे और एक उम्मीदवार को जीत हासिल करने के लिए 1 और पार्षद की जरूरत होगी।
  • अब बात करते हैं आप की। आम आदमी पार्टी के पास कुल 134 पार्षद हैं। चारों उम्मीदवारों को जिताने के लिए कुल 140 मतों की जरूरत होगी। लेकिन 6 पार्षद कम पड़ रहे हैं।

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आम आदमी पार्टी की तरफ से उम्मीदवार

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