दिल्ली का मेयर कौन होगा, सदन की लड़ाई अदालत की दहलीज पर, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

दिल्ली का मेयर कौन होगा। इस सिलसिले में तीन दफा पार्षदों की बैठ हुई। लेकिन आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप के बीच फैसला नहीं हो सका है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।

दिल्ली को मेयर कब मिलेगा। दरअसल मेयर चुनाव के लिए तीन दफा निगम की बैठक में पार्षद शामिल हुए। लेकिन नतीजा सिफर रहा। बीजेपी और आप एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने वाली है। आप का कहना है कि नियम के मुताबिर एल्डरमैन को चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार नहीं है। यह बात अलग है कि बीजेपी इससे इनकार कर रही है। मेयर चुनाव के लिए 6 जनवरी को पहली बैठक, 24 जनवरी को दूसरी बैठक और 6 फरवरी को तीसरी बैठक हुई थी। आप का कहना है कि संवैधानिक व्यवस्था के साथ बीजेपी खिलवाड़ कर रही है। लेकिन बीजेपी के मुताबिक उनका स्टैंड साफ है। निगम के संविधा में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं जिसमें एल्डरमैन को चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने का हक ना हो। 6 फरवरी को एक बार फिर सवाल उठा कि एल्डरमैन को चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार क्यों नहीं है। बता दें कि आम की मेयर उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है।

आम आदमी पार्टी का कहना है कि सदन की पीठासीन अधिकारी मनमाने तरीके से फैसले कर रही हैं। अब सवाल यह है कि चुनावी प्रक्रिया में किसका पलड़ा भारी है। अगर आंकड़ों की बात करें तो आप के कुल 134 पार्षद और बीजेपी के 105 पार्षद हैं। अगर संख्या बल की बात करें तो निश्चित तौर पर आंकड़े आप के पक्ष में हैं। लेकिन यहां पर असली लड़ाई स्टैंडिंग कमेटी को लेकर है। बीजेपी आसानी से स्टैंडिंग कमेटी आप के खाते में नहीं जाने देना चाहती है। जानकार बताते हैं कि मेयर, उपमेयर का चुनाव जितना महत्वपूर्ण है उससे कम महत्व स्टैंडिंग कमेटी का नहीं है।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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