MCD: स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव को लेकर घमासान, बीजेपी बोली- चुनाव के दौरान सदन में दुबारा हंगामा हुआ तो जाएंगे कोर्ट
MCD Standing Committee Update: बीजेपी नेता वीरेन्द्र सचदेवा बोले-महापौर अविलंब गिनती विशेषज्ञ की रिपोर्ट स्वीकार कर भाजपा एवं आम आदमी पार्टी के 3 - 3 पार्षदों को स्थाई समिति के लिए विजयी घोषित करें अन्यथा भाजपा लोकतांत्रिक विरोध करेगी।
स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में घमासान जारी
स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में घमासान जारी है, बीती रात सदन की दोनो के बीच मारपीट भी हुई, इसी को लेकर भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमे प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली की राजनीति वैचारिक विरोध के बावजूद भी गंगा-यमुना सभ्यता के अनुरुप ही चला करती थी लेकिन पिछले आठ सालों में यह समन्वय धीरे-धीरे खत्म हो गया है जिसके लियें अरविंद केजरीवाल दोषी हैं। प्रेसवार्ता में प्रदेश भाजपा रिलेशन विभाग के सह प्रमुख श्री विक्रम मित्तल उपस्थित थे।
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि नगर निगम की गत 22 एवं 24 फरवरी की दो बैठकों में और उससे पहले भी हुई तीन बैठकों में आम आदमी पार्टी के कुछ विधायकों के संचालन में हुई हिंसा को देख दिल्ली की जनता स्तब्ध है। 1952 से दिल्ली नगर निगम गठित है पर जो कुछ 6 दिसम्बर, 2022 को आम आदमी पार्टी को दिल्ली नगर निगम में बहुमत मिलने के बाद से हो रहा है वह लोकतंत्र के लिये एक बड़ा खतरा है।
सचदेवा ने आगे कहा कि कल शाम महापौर डॉ. शैली ऑबराय ने जिस तरह सदन में बार-बार झूठ बोला, खुद पर हमले की झूठी बातें कहीं, स्थाई समिति चुनाव का विशेषज्ञों द्वारा बनाया परिणाम अस्वीकार किया और मनमाने तरीके से स्थाई समिति का चुनाव 27 फरवरी को पुनः कराने की घोषणा कर सदन को स्थगित किया वह दिल्ली नगर निगम एक्ट की पूर्ण अवहेलना है। उन्होंने मांग की कि महापौर अविलंब गिनती विशेषज्ञ की रिपोर्ट स्वीकार कर भाजपा एवं आम आदमी पार्टी के 3-3 पार्षदों को स्थाई समिति के लिए विजयी घोषित करें अन्यथा भाजपा लोकतांत्रिक विरोध करेगी।
सचदेवा ने कहा कि भाजपा के लिए न्यायपालिका का रास्ता भी खुला है
हमारे एक पार्षद श्री शरद कपूर ने न्यायालय में एक याचिका निगम चुनाव में मोबाइल फोन के उपयोग को लेकर दायर की हुई है और आवश्यकता होगी तो हम एक नई याचिका भी न्यायालय में दायर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि महापौर द्वारा जिस तरह गत दो बैठकों से सदन में मनमानी की जा रही है वह दिल्ली नगर निगम एक्ट के विरूद्ध है, अगर अगले 24 घंटे में महापौर भाजपा की मांग को स्वीकार नहीं करेंगी तो हम गृह मंत्रालय से मांग करेंगे कि दिल्ली नगर निगम एक्ट की धारा 490 के अंतर्गत दिल्ली नगर निगम को अविलंब भंग किया जाये।
प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली वालों ने गत 45 दिनों में दिल्ली नगर निगम की 5 बैठकों में बहुमत धारी दल के रूप में आम आदमी पार्टी का जो रूप देखा है उससे वह सीधे सीधे लोकतंत्र के हत्यारे के रूप में दिख रही है। लोग भी समझ चुके हैं कि आम आदमी पार्टी सत्ता को चुनाव जीतने को संवैधानिक प्रावधानों को ताक पर रख मनमाने तरीके से विधायी सदन एवं प्रशासन चलाने का लाइसेंस मानती है। उन्होंने कहा कि महापौर डा. शैली ओबरॉय सदन को वैसे ही मनमानी से चलाने की कोशिश की जैसे आप विधायक दिल्ली विधानसभा चलाते हैं।
भाजपा ने पुनः चुनाव की मांग की पर महापौर ने एक ना सुनी
मल्होत्रा ने कहा कि 22 फरवरी की बैठक उपराज्यपाल के द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी के संचालन में शुरू हुई नियमानुसार बिना फोन कैमरे के प्रयोग के शांतिपूर्ण मतदान हुआ लेकिन आम आदमी पार्टी का महापौर बनते ही उन्होंने संवैधानिक नियमों का उल्लंघन कर 22 फरवरी को स्थाई समिति सदस्यों के चुनाव मे फोन के उपयोग की अनुमति दे दी जिस पर भाजपा ने आपत्ति की और लम्बे विवाद के बाद सदन 23 फरवरी की सुबह स्थागित हुआ। भाजपा ने पुनः चुनाव की मांग की पर महापौर ने एक ना सुनी।
मल्होत्रा ने आरोप लगाया कि सदन में जो हिंसा का तांडव हुआ वह सिर्फ "आप" विधायकों के इशारे पर सदन में आम आदमी पार्टी पार्षदों को उकसाने का परिणाम है जिसने सभी को शर्मसार किया और फिर दूसरी तरफ सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पार्षदों की क्रास वोटिंग की बात फैलाई जो सफेद झूठ है।
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पत्रकारिता में चार साल का तजुर्बा। राजनीतिक खबरों की नब्ज पहचानता हूं। कुछ नया करने की हर वक्त कोशिश...और देखें
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