Old Rajinder Nagar: साथियों की मौत से नाराज छात्रों का धरना जारी, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात
Students Protests in Old Rajinder Nagar: छात्रों के इस विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए इलाके में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है। छात्रों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई है। प्रदर्शन वाले जगह पुलिस की संख्या बढ़ा दी गई है।
ओल्ड राजिंदर नगर में धरने पर छात्र।
- राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में चल रही थी लाइब्रेरी, बेसमेंट में अचानक पानी भरा
- इस बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत हो गई, साथियों के मौत के बाद गुस्से में छात्र
- आक्रोशित छात्र दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं
Students Protests in Old Rajinder Nagar: ओल्ड राजिंदर नगर में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत पर आक्रोशित स्टूडेंट्स का धरना-प्रदर्शन जारी है। वे इस घटना के दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। छात्रों के इस विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए इलाके में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है। छात्रों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई है। प्रदर्शन वाले जगह पुलिस की संख्या बढ़ा दी गई है।
जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है-छात्र
एक यूपीएससी अभ्यर्थी ने कहा, 'हमारी मांग है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। यहां बेसमेंट में खुली ये सभी चीजें अवैध रूप से संचालित की जा रही हैं और सुरक्षा के भी कोई उपाय नहीं हैं इसलिए इन सभी चीजों को रोका जाना चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए..' एक अन्य छात्र ने कहा, 'जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है। हम चाहते हैं कि सरकार से कोई यहां आए और उन सभी छात्रों की जिम्मेदारी ले, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है। वे अपने एसी कमरों से ट्वीट करके या पत्र लिखकर किस का भविष्य सुधार रहे हैं?'
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'इमारतों में बॉलकनी नहीं है'
इस घटना पर छात्र पुनीत सिंह का कहना है कि इस इलाके के ज्यादातर कोचिंग सेंटर में प्रवेश और निकासी बॉयेमेट्रिक सिस्टम से है। आपात स्थिति में इमारतों में बाहर निकलने के लिए यहां बॉलकनी नहीं है। इमारत में आग लगने पर बचने का कोई रास्ता भी नहीं है। अगर आपके पास बॉयोमेट्रिक एक्सेस नहीं है तो आप का इमारत से निकलना असंभव है। ऐसे में सवाल है कि हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? इस इलाके में जितने भी पुस्तकालय हैं, उनमें आने-जाने के लिए करीब 75 फीसद में बॉयोमेट्रिक सिस्टम लगा है।
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दूसरे छात्र मनीष ने 27 जुलाई की इस घटना के बारे में बताते हुए कहा कि उस दिन लाइब्रेरी का बॉयोमेट्रिक सिस्सटम ब्लॉक हो गया। इसकी वजह से छात्र बेसमेंट में फंस गए। इस हादसे से छात्रों को बचाया जा सकता था। बॉयोमेट्रिक व्यवस्था का विकल्प क्या हो सकता है, इसके बारे में सोचा जाना चाहिए ताकि इस तरह की घटना फिर दोबारा न हो।
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