Digital arrest In Rewa: 680 करोड़ के घोटाले में शामिल बताकर किया डिजिटल अरेस्ट, दर्ज हुआ मामला

रीवा में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का एक मामला सामने आया है। बदमाशों ने समान थाना क्षेत्र में रहने वाले एक प्रॉपर्टी डीलर को पुलिस की वर्दी पहनकर उन्हें 680 करोड़ के बैंक घोटाले में शामिल बताकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया।

680 करोड़ के घोटाले में शामिल बताकर किया डिजिटल अरेस्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

680 करोड़ के घोटाले में शामिल बताकर किया डिजिटल अरेस्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रीवा में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का एक मामला सामने आया है। बदमाशों ने समान थाना क्षेत्र में रहने वाले एक प्रॉपर्टी डीलर को पुलिस की वर्दी पहनकर उन्हें 680 करोड़ के बैंक घोटाले में शामिल बताकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया। लेकिन उसकी सतर्कता के कारण वो इसके शिकार नहीं हो पाए और उनके पैसे बच गए। उन्होंने इसकी शिकायत थाने में की है जिसके बाद अब पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

यह घटना समान थाना क्षेत्र के अरुण नगर में रहने वाले संजीव श्रीवास्तव के साथ हुई। मंगलवार को संजीव के पास एक वीडियो कॉल आया जिसमें पुलिस की वर्दी पहने लोग खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बता रहे थे। उन्होंने संजीव को बताया कि उनके खाते में 680 करोड़ के बैंक घोटाले की राशि आई है और उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है।

शख्स ने फोन काटकर थाने में दर्ज कराया मामला

फिर आरोपियों ने संजीव से गारंटी के तौर पर पैसे भेजने को कहा, लेकिन उन्होंने सावधानी बरती और रुपए भेजने से मना कर दिया। संजीव ने फोन काट दिया और थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इस मामले को साइबर सेल को भेज दिया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है, फिलहाल, आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई है।

लगातार बढ़ते जा रहे हैं डिजिटल अरेस्ट के मामले

लगातार डिजिटल अरेस्ट के मामलों के बढ़ने के बाद पुलिस ने जिले में जागरूकता अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत, हर सार्वजनिक स्थान पर लोगों को डिजिटल अरेस्ट और उससे जुड़ी धोखाधड़ी के बारे में जागरूक किया गया। अभियान का उद्देश्य लोगों को इस तरह के साइबर अपराधों से बचने के उपायों के बारे में जानकारी देना था। इसके परिणामस्वरूप, अब लोग डिजिटल अरेस्ट से संबंधित घटनाओं के प्रति अधिक सतर्क हो गए हैं और वे ऐसी किसी भी घटना का सामना करते समय अधिक अलर्ट रहते हैं और इसी जागरूकता के चलते संजीव आरोपियों के शिकार होने से बच गए।

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संजीव कुमार दुबे author

फिलहाल मैं www.timesnowhindi.com में बतौर एडिटर कार्यरत हूं। पत्रकारिता में मेरे सफर की शुरुआत 22 साल पहले हुई। 2002 अक्टूबर में टीवी की रुपहले दुनिया...और देखें

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