पहाड़ों से इस बार अब तक ठंड नदारद, वजह यहां से सैकड़ों कोस दूर बंगाल की खाड़ी में
उत्तराखंड में पिछले सालों की तुलना में इस साल ठंड का असर कम दिख रहा है। दोपहर के समय यहां लोगों के पसीने छूट रहे हैं। लेकिन इसके पीछे की मुख्य वजह क्या है। पहाड़ी इलाके में ठंड इतनी बेअसर क्यों है? इसकी वजह बंगाल की खाड़ी में छिपी हुई है? आइए आपको बताएं -
पहाड़ों से इस बार अब तक ठंड नदारद
पहाड़ी इलाकों में तापमान गिरने और ठंड बढ़ने का असर मैदानी इलाकों पर भी देखने को मिलता है। लेकिन अभी उत्तराखंड में ठंड बेअसर ही नजर आ रही है, जिसके कारण मैदानी इलाकों पर भी ठंड की शुरुआत सही तरह से नहीं हो पा रही है। भले ही पर्वतीय क्षेत्रों में और मैदानी इलाकों में सुबह-शाम के तापमान में कमी आई है, लेकिन पिछले सालों की तुलना में नवंबर के समय सामान्य तापमान अधिक बना हुआ है। यहां का न्यूनतम तापमान तीन से चार डिग्री अधिक दर्ज किया जा रहा है। इतना ही नहीं अक्टूबर के महीने में बारिश में भी कमी आई है। लेकिन इसके पीछे का कारण क्या है? क्यों अभी तक उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाके में ठंड बेअसर है? इसकी वजह यहां से कोसों दूर बंगाल की खाड़ी में है, आइए आपको उस वजह के बारे में बताएं -
क्यों पहाड़ों में अभी तक बेअसर है ठंड
मौसम विशेषज्ञ पहाड़ों में ठंड के बेअसर होने का कारण बारिश की कमी को बता रहे हैं। उनका कहना है कि उत्तराखंड से मानसून की विदाई के बाद से बंगाल की खाड़ी में कोई मजबूत साइक्लोन नहीं बना है, इसके कारण अक्टूबर माह में बारिश में 100 फीसदी कमी आई। यही कारण है कि इस साल ठंड पिछले सालों की तुलना में अभी तक बेअसर है। इसका उत्तराखंड के साथ-साथ मैदानी इलाकों पर भी असर देखने को मिल रहा है।
बारिश की कमी के कारण ठंड में भी कमी
उत्तराखंड के मौसम के बारे में एक मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि प्रदेश में अक्टूबर-नवंबर के दौरान बारिश बंगाल की खाड़ी से उठने वाले चक्रवात के कारण होती है। हवा अपने साथ नमी लेकर आती है और हिमालयी क्षेत्रों के साथ देहरादून, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार आदि में बारिश होती है। लेकिन इस बार देहरादून, पौड़ी, टिहरी, ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी में अक्टूबर के महीने में बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी है। यही कारण है कि प्रदेश में अभी तक ठंड का कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। बारिश न होने के कारण प्रदेश के तापमान में इतनी गिरावट नहीं आई है। इसलिए ठंड का अहसास भी कम ही हो रहा है।
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वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.c...और देखें
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