E-Rickshaw ड्राइवर नहीं कर सकते मनमानी, इन नियमों को न मानें तो कर सकते हैं शिकायत

सड़क पर चलने वाले अन्य वाहनों की तरह ही ई-रिक्शा भी नियमों से बंधे हैं। यहां हम E-Rickshaw से जुड़े नियमों के बारे में बता रहे हैं। अगर कोई ई-रिक्शा ड्राइवर इन नियमों को नहीं मानता है तो आप उसकी शिकायत कर सकते हैं और लोगों को दुर्घटना से बचा सकते हैं।

ई-रिक्शा

इन दिनों तमाम शहरों में छोटी दूरी के लिए ई-रिक्शा (E-Rickshaw) एक आसान और सुगम साधन बन गया है। शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा की भीड़ देखकर कई बार मन खिन्न भी होता है। विशेषतौर पर जब कुछ ई-रिक्शा ड्राइवर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए चलते हैं। कहीं भी ई-रिक्शा रोककर खड़े हो जाते हैं या यात्रियों से बदसलूकी करते हैं। कई बार ऐसे ई-रिक्शा ड्राइवर को देखकर मन में प्रश्न उठता है कि क्या इनके लिए कुछ नियम हैं भी या नहीं? इस प्रश्न का उत्तर यही है कि नियम तो हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे जरूर होते हैं, जो नियमों का पालन नहीं करते। तो चलिए जानते हैं ई-रिक्शा को लेकर सरकार के नियम क्या हैं -
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने बकायदा ई-रिक्शा के लिए नियम-कानून तय किए हैं। लेकिन इसके बावजूद कई बार खुलेआम उल्लंघन दिखता है। ऐसे में हमारी और आपकी जिम्मेदारी है कि हम कानून से खिलवाड़ करने वाले रिक्शा ड्राइवर कि शिकायत करें।

स्पीड और सवारी की लिमिट

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ई-रिक्शा के लिए अधिकतम 25 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड तय की है। इसके अलावा ई-रिक्शा पर चार से ज्यादा सवारी को नहीं बिठाया जा सकता है। इसके अलावा 40 किलो से ज्यादा का लगेज भी ई-रिक्शा में नहीं ले जाया जा सकता है। मंत्रालय ने ई-रिक्शा के लिए सेफ्टी स्टैंडर्ड्स भी तय किए हैं। ई-रिक्शा में 2000 किलोवाट से ज्यादा की मोटर नहीं हो सकती है।

चार सवारी बिठा सकते हैं

तस्वीर साभार : Twitter

रजिस्ट्रेशन है जरूरी

कार, मोटरसाइकिल आदि अन्य वाहनों की ही तरह ई-रिक्शा के लिए भी रजिस्ट्रेशन जरूरी है। हर ई-रिक्शा को शहर या क्षेत्र के RTO में रजिस्टर होना जरूरी है। बिना रजिस्ट्रेशन के किसी भी ई-रिक्शा को सड़क पर नहीं उतारा जा सकता है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अलग-अलग राज्यों और शहरों में अलग-अलग हो सकता है। विभिन्न राज्यों और शहरों के अनुसार इसके लिए परचेज प्रूफ, इंश्योरेंस और ड्राइवर लाइसेंस जैसे डॉक्यूमेंट्स की जरूरत हो सकती है।

लाइसेंस के बिना नहीं चला सकते

ऐसा नहीं है कि कोई भी ई-रिक्शा खरीद ले और चलाने लगे। आप ऐसा भी नहीं कर सकते कि ई-रिक्शा खरीद कर किसी ऐसे व्यक्ति को चलाने के लिए दे दें, जिसके पास इसे चलाने के लिए वैध लाइसेंस ही न हो। मंत्रालय के अनुसार ई-रिक्शा चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जरूरी है। ई-रिक्शा चलाने के लिए लाइसेंस 3 साल के लिए जारी होता है, जिसे हर तीन साल बाद रिन्यू किया जाना जरूरी है। अगर किसी ने अपना ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू नहीं किया है तो वह ई-रिक्शा नहीं चला सकता है।

नियमों के विरुद्ध चलता ई-रिक्शा

तस्वीर साभार : Twitter

फिटनेस टेस्ट करवाना होगा

एक बार ई-रिक्शा खरीद लिया और फिर टूटी-फूटी हालत में भी उसे चलाते रहें, ऐसा नहीं हो सकता। समय-समय पर ई-रिक्शा की फिटनेस टेस्ट जरूरी है। इसके अलावा ई-रिक्शा अपनी मर्जी से कहीं भी नहीं जा सकते, बल्कि अलग-अलग शहरों में स्थानीय निकाय और पुलिस विभाग उनके लिए रूट तय करते हैं। ध्यान रहे कि ई-रिक्शा को स्पेशल परपज बैटरी ऑपरेटेड व्हीकल की श्रेणी में रखा गया है, जो यात्रियों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी मुहैया कराता है।

ड्राइवर के लिए नियम

ई-रिक्शा चलाने के लिए उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। कुछ राज्यों और शहरों में ई-रिक्शा चलाने के लिए ड्राइवर को मेडिकल फिटनेस टेस्ट पास करना जरूरी होता है। आपके शहर या राज्य में ये नियम है या नहीं यह पता करने के लिए RTO या डीपीपी ट्रैफिक से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा रात के समय ड्राइविंग करते समय ई-रिक्शा ड्राइवर को रिफ्लेक्टिव कपड़े भी पहनने चाहिए।

यूपी में परमिट की आवश्यकता नहीं

उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग ने साल 2017 में सभी ARTO को एक चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी में साफ कहा गया कि ई-रिक्शा के लिए परमिट की आवश्यकता नहीं है, लेकिन हर ई-रिक्शा का स्थानीय RTO में रजिस्टर होना जरूरी है। परिवहन विभाग ने ई-रिक्शा और ई-कार्ट को यह छूट दी है। लेकिन इन वाहनों और ड्राइवर का इंश्योरेंस जरूरी है और ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस भी होना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार मथुरा, वृंदावन जैसे भीड़भाड़ वाले शहरों में ई-रिक्शा को बढ़ावा भी दे रही है।
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