Chitradurga Davangere Highway : न मंजिल की फिक्र न डीजल-पेट्रोल की चिंता, खुलने वाला है Eco-Friendly हाईवे

Chitradurga Davangere Highway Route Map : मुंबई से बेंगलुरु के बीच सफर और आसान होने वाला है। जल्द ही पुणे-बेंगलुरु एक्सप्रेस हाईवे (Pune-Bengaluru Express Highway) को धार देने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-75 (National Highway-75) से जुड़े चित्रदुर्ग-दानणगेरे ईको फ्रेंडली हाईवे को खोला जा सकता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसके संकेत दिए हैं। आइये जानते हैं ये हाईवे कहां से कहां तक जाता है और इसकी विशेषताएं क्या हैं।

Eco Friendly chitradurga Davangere Highway

चित्रदुर्ग-दानणगेरे हाईवे

Chitradurga Davangere Highway Route Map : आपका सफर आसान बनाने के लिए हाईवे और एक्सप्रेसवे (Expressway) के विकास पर जोर दिया जा रहा है। कम समय में लंबी दूरी कवर करने में ये हाईस्पीड हाईवे और एक्सप्रेसवे काफी मददगार साबित हो रहे हैं। इसी क्रम में मुंबई से बेंगलुरु के बीच यात्रा करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी वाली खबर सामने आई है। अब जल्द ही इन दोनों शहरों के बीच यात्रा करने वाले लोगों को सहूलियत मिलने वाली है। उधर, सरकार के प्लान में मुंबई से बेंगलुरु के बीच ग्रीन फील्ड हाइवे (Mumbai-Bengaluru Green Field Highway) है। इस एक्सप्रेस राजमार्ग के बनने से मुंबई से बेंगलुरु के बीच 5 घंटे और पुणे से बेंगलुरु के बीच की दूरी महज 3.5 घंटे में पूरी होगी। इसके अतिरिक्त केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया एक्स पर राहत भरी पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने कर्नाटक के चित्रदुर्ग को दानणगेरे से जोड़ने वाले नए 6 लेन राजमार्ग का जिक्र किया है। उन्होंने इस राजमार्ग के 72 किलोमीटर के हिस्से तैयार होने के विषय में बताया है। आईये जानते हैं ये एक्सप्रेसवे कहां से कहां तक जाता है और इसको बनाने में कितने करोड़ रुपये की लागत आई है।

आर्थिक राजधानी-आईटी हब को मिलगी कनेक्टिविटी

चित्रदुर्ग को दानणगेरे राजमार्ग के खुलने से मुंबई से बेंगलुरु का सफर आसान हो जाएगा। खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने इस 6 लेन 72 किलोमीटर खंड की तस्वीरें एक्स पर साझा की हैं। उन्होंने कसीदे कढ़ते हुए इस हाईवे को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और आईटी हब बेंगलुरु (IT Hub Bengaluru) को जोड़ने वाली जीवन रेखा करार दिया है। उन्होंने लिखा है कि सफर के दौरान इसके इर्द गिर्द आपको लुभावने दृश्य भी देखने को मिलेंगे। यह सिर्फ दो शहरों के बीच की दूरी करने का राजमार्ग नहीं, बल्कि प्राकृतिक वैभव के साथ ईधन यानी डीजल-पेट्रोल (Diesel-Petrol) भी बचाएगा। आगे कहा कि यह हाईवे कुशल पर्यावरण ( Environment) के लिए अनुकूल आराम दायक ईको फ्रेडली हाईवे (Eco Friendly Highway) साबित होगा।
जानकारी के लिए बताते चलें कि इस परियोजना को बनाने में लगभग 1400 करोड़ रुपये खर्च किए जा गए हैं। भविष्य में ईको फ्रेडली हाईवे के रखरखाव के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई NHAI) बिटुमिनस कंक्रीट में प्लास्टिक और सर्विस सड़कों में मिलिंग सामाग्री जैसी टिकाऊ तकनीकों और सामाग्रियों के इस्तेमाल करने का प्लान बना रहा है। इन सामाग्रियों के उपयोग से बनने वाले सड़क मार्गों की लाइफ काफी बढ़ जाएगी। साथ ही बार-बार मरम्मत जैसी नौबत नहीं आएगी। इसके अलावा व्यापक पैमाने पर शहरों से निकलने वाले वेस्ट को भी रिसाईकल करके इसमें उपयोग किया जा सकेगा।
जानकारी विवरण
हाईवे का नामचित्रदुर्ग-दानणगेरे हाईवे
परियोजना की लागत1400 करोड़
शुरुआती प्वाइंटचित्रदुर्ग
आखिरी प्वाइंटदानणगेरे हाईवे
निर्माणकर्ता कंपनीएनएचएआई (NHAI)
हाईवे की लंबाई72 किमी
लेन 6

नेशनल हाईवे-75 का हिस्सा (National Highway-75)

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि यह परियोजना कर्नाटक और देवीहल्ली के बीच हाईवे निर्माण की पिछली घोषणा को पूरा करती है, जो नेशनल हाईवे-75 का हिस्सा है। यह हाईवे मुंबई और बेंगलुरु के बीच यात्रा के समय को कम करने के साथ नए हाईवे से संपर्क में सुधार की गुंजाइश को बनाए रखेगा। उधर, चित्तरदुर्ग, दावणगेरे और उत्तर पश्चिम कर्नाटक के क्षेत्रों में रियल स्टेट (Real State) समेत अन्य काम धंधों की बढ़ोतरी में मदद करेगा। अगर, इस हाईवे की सुंदरता की बात की जाए तो ये दोनों शहरों के बीच नई इबारत लिखेगा। इसमें सफर के दौरान यात्रियों को पर्यावरण अनुकूल और सुंदर दृश्यों के बीच से गुजरने का मौका मिलेगा। साथ कर्नाटक के आर्थिक विकास (Economic Development) को भी गति मिलेगी।

पर्यटन के साथ व्यापार को मिलेगी गति

इस हाईवे के संचालन से चित्रदुर्ग के आसपास पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। वेदवती नदी के आसपास मौजूद चित्रदुर्ग का किला (Chitradurga Fort) पहाड़ियों के बीच अलग ही दृश्य का अनुभव कराता है। इस हाईवे के निर्माण से शहर के व्यापार और इंडस्ट्री को विकसित करने में मदद मिलेगी। यहां सूती कपड़ा, हस्तशिल्प, आभूषण, हथकरघा कपड़े जैसे व्यापार की रफ्तार को दोगुनी करेगा।
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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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