Etawah Lok Sabha Seat 2024 : बिन मुलायम सपा के गढ़ में कल मतदान, Key Major Candidate और रिजल्ट की डेट

Etawah Lok Sabha Seat : दिवंगत समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि रही इटावा लोकसभा सीट पर 13 मई को चौथे चरण के लिए वोटिंग होनी है। आइये जानते हैं इस सीट का चुनावी इतिहास कैसा रहा है और प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने इस बार किन प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है।

इटावा लोकसभा

Etawah Lok Sabha Seat : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण की 13 सीट के लिए सोमवार को यानी कल मतदान होगा। इस चरण में कन्नौज में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और खीरी में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' की प्रतिष्ठा दांव पर है। चौथे चरण के 13 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में शाहजहांपुर (आरक्षित), खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई (आरक्षित), मिश्रिख (आरक्षित), उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा (आरक्षित), कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, बहराइच (आरक्षित) लोकसभा सीट हैं, जिनमें आठ सीट सामान्य श्रेणी की हैं और पांच सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इन सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 130 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इन उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला दो करोड़ 46 लाख से अधिक मतदाता करेंगे। इनमें सबसे खास सीट इटावा संसदीय क्षेत्र है जो कभी समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि रही है। ये पहला मौका होगा, जब मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यहां लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं। तो आइये जानते हैं इस बार यहां का समीकरण क्या है और पार्टियों ने किन प्रत्याशियों पर दांव खेला है।

इटावा की पहचान मुलायम

इटावा जनपद की पहचान समाजवादी नेता दिवंगत मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की वजह से रही है। इटावा माननीय यादव की कर्मभूमि रही है। उनके राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो साल 1967 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा। तब से यह जिला प्रदेश में राजनीतिक रसूख के लिए जाना जाने लगा। खुद मुलायम सिंह यादव सात बार जसवंतनगर विधानसभा से विधायक चुने गए, उसके बाद उनके छोटे भाई कद्दावर नेता शिवपाल यादव यहां से चार बार विधायक चुने गए। यही कारण रहा कि 1998 तक सपा का इस लोकसभा सीट पर कब्जा रहा। हालांकि, 1998 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की सुखदा मिश्र को जनता ने अपना आशीर्वाद दिया और वो सांसद बनकर संसद पहुंचीं। फिर 2014 की मोदी लहर में भाजपा के अशोक दोहरे को सांसद बनने का मौका मिला। इसके बाद 2019 में भाजपा के राम शंकर कठेरिया को जीत नशीब हुई।

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