नोएडा में गजब तैयारी, बदमाश का चेहरा कैद होते ही कैमरा खुद चिल्लायेंगे चोर-चोर

नोएडा में बदमाशों की अब खैर नहीं, क्योंकि यहां शहर में ऐसे सीसीटीवी कैमरे लगने वाले हैं, जो उनको पहचान लेंगे और तुरंत पुलिस को उनकी चुगली कर देंगे। इन सीसीटीवी कैमरों के लिए इसी सप्ताह टेंडर निकाले जाने की भी खबर है।

Servilance-camera

सर्विलांस कैमरे

चोरों से बचने के लिए हम क्या कुछ नहीं करते। घरों में बड़े-बड़े और आधुनिक ताले लगाते हैं, लेकिन चोर डकैत फिर भी ताले तोड़ देते हैं। ऐसे ही चोर-डकैत और बदमाशों की पहचान के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाते हैं। इनसे चोर, डकैती यी बदमाशों की बदमाशी को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन उनकी पहचान करके उन्हें कानून के शिकंजे में लाने में जरूर मदद मिलती है। लेकिन अब नोएडा पुलिस शहर में ऐसे कैमरे लगाने की योजना बना रही है, जिनसे बचकर चोर, डकैत और बदमाश भाग भी नहीं पाएंगे। जैसे ही बदमाश का चेहरा कैमरे में कैद होगा, वैसे ही यह कैमरे खुद चिल्लाकर जानकारी देंगे।

फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी से लेस कैमरे

दैनिक हिंदुस्तान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार NCR के प्रमुख शहर नोएडा को सबके लिए सुरक्षित बनाने की सेफ सिटी योजना के तहत शहर में 560 जगहों पर ऐसे ढाई हजार कैमरे लगाने की योजना है। इन कैमरों की खासियत यह है कि इनमें फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी है। किसी भी बदमाश का चेहरा जैसे ही इन कैमरों में कैद होगा, यह कैमरे तुरंत अलर्ट मैसेज करेंगे। नोएडा अथॉरिटी इसी हफ्ते इन कैमरों के लिए टेंडर जारी करने जा रही है। अब उम्मीद की जानी चाहिए कि तीन-चार महीने में शहर के विभिन्न इलाकों में इन कैमरों को लगाने का काम शुरू हो जाएगा और साल के अंत तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
लगातार बढ़ते नोएडा को सुरक्षित शहर बनाने की पहल करीब दो साल पहले शुरू हुई। सेफ सिटी के तहत ऐसे कैमरे लगवाने का का निर्णय भी तभी ले लिया गया था। पिछले ही वर्ष पुलिस ने इन कैमरों को लगाने के लिए करीब 560 जगहों की एक लिस्ट अथॉरिटी को भेजी। अथॉरिटी के अधिकारियों ने इन जगहों का सर्वे करके कार्य को अंतिम रूप दिया।

सेक्टर 94 में कमांड कंट्रोल सेंटर

नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के अनुसार सेफ सिटी के तहत सर्विलांस, पीटीजेड, एएनपीआर कैमरे शहरभर में लगेंगे। इन कैमरों के लिए सर्वर को नए तरीके से तैयार किया जाएगा। कैमरे करीब 50 मीटर के एरिया को कवर करेंगे। सभी कैमरों को सेक्टर 94 स्थित कमांड कंट्रोल सेंटर के इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट एंड सिक्योरिटी सिस्टम से जोड़ा जाएगा। दैनिक हिंदी अखबार हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार कैमरों के लिए टेंडर प्रक्रिया इसी हफ्ते जारी की जाएगी और एजेंसियों को 21 दिन में अपनी बिड समिट करानी होगी।

भाग नहीं पाएंगे अपराधी

एक बार कैमरे लग जाने के बाद अपराधियों के लिए किसी वारदात को अंजाम देकर भागना आसान नहीं होगा। कैमरों में चेहरे कैद होने पर पुलिस के लिए उन्हें पकड़ना आसान हो जाएगा। किसी भी अपराधी या बदमाश का चेहरा डिटेक्ट करने के बाद कैमरे कंट्रोल रूम को जानकारी देगा। अथॉरिटी के अधिकारियों के अनुसार 2500 कैमरों को लगाने में 212 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

चेहरे ही नहीं सदिग्ध सामान भी पहचानेंगे कैमरे

यह कैमरे जिन पिलरों पर लगेंगे उनमें पैनिक बटन भी लगा होगा। किसी भी इमरजेंसी में लोग पैनिक बटन दबाकर अपनी आवाज भी रिकॉर्ड कर सकेंगे, जिसे सीधे कंट्रोल सेंटर में सुना जा सकेगा। यही नहीं कोई भी लावारिस बैग या अन्य चीज को भी कैमरे में देखा जा सकेगा। ऐसा कुछ मिलने पर कमांड कंट्रोल सेंटर को जानकारी मिल जाएगी और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचकर लावारिस चीज को अपने कब्जे में ले पाएगी।
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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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