Faridabad: फरीदाबाद में खत्म होगा पेयजल समस्या, बंद पड़े 100 बोरवेल दोबारा होंगे रिचार्ज, शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
फरीदाबाद के लोगों को अब पेयजल समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। फरीदाबाद में वर्षों से ठप पड़े 100 से ज्यादा बोरवेल को अब पुनर्जीवित किया जाएगा। इससे फरीदाबाद के लोगों को हर साल छह से आठ लीटर अतिरिक्त पेयजल मिल सकेगा। इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने की।
फरीदाबाद में प्रोजेक्ट का शुभारंभ करते डिप्टी सीएम
मुख्य बातें
- 100 से ज्यादा बोरवेल को अब किया जाएगा पुनर्जीवित
- ये बोरवेल शहर में पेयजल संकट को करेंगे दूर
- प्राकृतिक स्रोतों को पुनर्जीवित 1100 करोड़ रुपये का बजट
Faridabad: फरीदाबाद के लोगों के लिए राहत भरी खबर है, अब उन्हें पेयजल समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। फरीदाबाद में कई वर्षों से ठप पड़े 100 से ज्यादा बोरवेल को पुनर्जीवित किया जाएगा। इस अभियान की शुरूआत आवाज फाउंडेशन व रोटरी क्लब करने जा रहे हैं। अभियान के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने की। इस दौरान उन्होंने घोषणा किया कि राज्य में प्राकृतिक स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार 1100 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। इस पर कार्य भी शुरू कर दिया गया है। ये प्राकृतिक स्रोत जल संकट को कम करने में मदद करेंगे।
बता दें कि फरीदाबाद शहर में बड़ी संख्या में बोरवेल हैं, लेकिन भूजल स्तर नीचे जाने के कारण ये कई वर्षों से ये सूखे पड़े हैं। जिसकी वजह से शहर में पेयजल की समस्या बढ़ गई है। इससे निजात दिलाने दिलाने की जिम्मेदारी आवाज फाउंडेशन व रोटरी क्लब ने उठाया। इन संस्थाओं ने एक्स्पर्ट एजेंसी की मदद से इसका समाधान निकालने में जुटी रही। इसी दौरान पता चला कि महाराष्ट्र में एक खास टेक्निक से ठप पड़े बोरवेल को पुनर्जीवित किया गया है। इस टेक्निक से अब फरीदाबाद के बोरवेल को पुनर्जीवित किया जाएगा।
प्रतिवर्ष मिलेगा छह से आठ लीटर पेयजलडिप्टी सीएम ने बताया कि, इस प्रोजेक्ट के तहत शुरुआत में 100 बोरवेल को पुनर्जीवित किया जाएगा। इनकी मदद से आम नागरिकों को प्रतिवर्ष छह से आठ लीटर पेयजल मिल सकेगा। इस परियोजना के तहत एक बोरवेल को पुनर्जीवित करने में 50 हजार रुपये का खर्च आएगा। इस पूरे खर्च को रोटरी क्लब और आवाज फाउंडेशन मिलकर वहन करेंगे। इसमें सफलता मिलने के बाद दूसरे बोरवेल को भी पुनर्जीवित किया जाएगा। डिप्टी सीएम के अनुसार राज्य सरकार पुराने तालाबों को भी पुनर्जीवित करने के प्रयास में जुटी हुई है। इसे वाटर लेवल को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वाटर रिचार्ज बोर सिस्टम लगाने पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडीडिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि वाटर लेवल को बढ़ाने के लिए घरों के निर्माण के दौरान अब रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी कर दिया गया है। वहीं, अगर कोई किसान खेतों में वाटर रिचार्ज बोर सिस्टम लगाना चाहता है तो उसे राज्य सरकार की तरफ से 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। इन सभी योजनाओं का असर जल्द ही दिखने लगेगा।
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