Famous Temple in Faridabad: फरीदाबाद में फैली महामारी को खत्म कर दिया था पथवारी देवी ने, उमड़ती है कुंभ जैसी भीड़
Famous Temple to Visit in Faridabad: ओल्ड फरीदाबाद में स्थित पथवारी माता का मंदिर प्राचीन होने के साथ ऐतिहासिक भी है। इन्हें फरीदाबाद की कुल देवी कहा जाता है। मान्यता है कि पथवारी माता यहां साक्षात विराजमान और फरीदाबाद के लोगों की सुरक्षा कर रही हैं। यहां लगने वाला श्री पंखा मेला में छोटे कुंभ जैसे भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
मंदिर में स्थित माता पथवारी देवी की मूर्ति
मुख्य बातें
- रक्षाबंधन के दिन आयोजित किया जाता श्री पंखा मेला
- मां को पंखा चढ़ाने पर शहर को मिला था महामारी से छुटकारा
- जहांगीर के सिपहसलार ने कराया था इस मंदिर का भव्य निर्माण
Famous Temple in Faridabad : ओल्ड फरीदाबाद के मुख्य बाजार में स्थित पथवारी माता का मंदिर प्राचीन होने के साथ ऐतिहासिक भी है। इन्हें फरीदाबाद की कुल देवी भी कहा जाता है। नए साल पर अगर आप मंदिरों में दर्शन का प्लान बना रहे हैं तो परिवार के साथ इस मंदिर में माता का आशीर्वाद पाने पहुंच सकते हैं। मान्यता है कि पथवारी माता यहां साक्षात विराजमान और फरीदाबाद के लोगों की सुरक्षा कर रही हैं। इस मंदिर में मां का आशीर्वाद पाने के लिए दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा के अन्य जिलों के भक्त भी पहुंचते हैं।
यहां लगने वाला श्री पंखा मेला बेहद अनोखा होता है। इस मेले में छोटे कुंभ जैसे भक्तों की भीड़ उमड़ती है। यह मेला हर साल रक्षाबंधन के दिन आयोजित किया जाता है। मेले के दौरान पूरे शहर में शोभायात्रा निकाली जाती है, ताकि शहर पर किसी तरह की विपदा ना आए। यात्रा के बाद मां की मूर्ति पर हाथ से बुना बड़ा पंखा चढ़ाया जाता है। इस शोभा यात्रा में हजारों की भीड़ उमड़ती है।
मुगलकाल से पहले का है मंदिर
पथवारी मंदिर के सेवादार जवाहर ठाकुर ने मंदिर से जुड़े इतिहास की जानकारी देते हुए बताया कि मान्यता है कि जहांगीर के सिपहसलार सैयद मुर्तजा खां फरीद बुखारी ने एक युद्ध के दौरान फरीदाबाद में डेरा डाल हुआ था। इस दौरान पथवारी देवी ने सपने में दर्शन दिए। सुबह वह अपने सैनिकों के साथ मंदिर के दर्शन करने पहुंचे और इस मंदिर का भव्य निर्माण कराने के लिए धन दिया। कहा जाता है कि वह कई बार पथवारी माता मंदिर में माता के दिव्य स्वरूप के दर्शन के लिए आए।शक्तिपीठों में से एक है यह माता मंदिर
पथवारी माता मंदिर का इतिहास मुगलकाल से भी पुराना माना जाता है। इस मंदिर को माता के 52 शक्तिपीठों में से एक की मान्यता मिली है। इस मंदिर के निर्माण के बारे में कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है, लेकिन मुगल इतिहास के अनुसार यह मंदिर 1793 ई से पहले से मौजूद था। मान्यता है कि यहां से कोई भी भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटता। इस मंदिर के साथ एक मान्यता जुड़ी है। कहा जाता है कि करीब 300 वर्ष पहले ओल्ड फरीदाबाद में महामारी फैली थी। उस समय महामारी से बचने के लिए लोगों ने देवी मां के दरबार में पंखा चढ़ाया था। जिससे कुछ ही दिन में शहर से महामारी गायब हो गई थी। इसके बाद से यहां पर हर साल पंखा मेले का आयोजन किया जाता है। देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | फरीदाबाद (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
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