Faridabad: फरीदाबाद वासियों के लिए जरूरी खबर, नए साल से 5 प्रतिशत महंगा हो जाएगा पेयजल

Faridabad News: फरीदाबाद महानगर विकसित प्राधिकरण (एफएमडीए) पानी के रेट में पांच फीसदी की बढ़ोत्‍तरी करने जा रहा है। यह दरें एक अप्रैल 2023 से लागू हो जाएंगी। ऐसा होने पर इस बढ़ोत्‍तरी का सीधा असर नगर निगम, ग्रेटर फरीदाबाद (ग्रेफ), उद्योग, शिक्षण संस्थान, मॉल आदि बड़े उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। साथ ही अब नगर निगम भी पानी का रेट बढ़ाने पर मजबूर होगा।

फरीदाबाद महानगर विकसित प्राधिकरण ने बढ़ाया पानी का रेट

मुख्य बातें
  • एफएमडीए ने बढ़ाया वॉटर सप्‍लाई का रेट
  • बढ़ी हुई नई दरें एक अप्रैल 2023 से होंगी लागू
  • नगर निगम भी पानी के दरों में कर सकता है इजाफा

Faridabad News: स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर है। यहां के बड़े पानी उपभोक्‍ताओं को नए साल से पानी पर अधिक पैसे खर्च करने होंगे। क्‍योंकि नए साल से पानी के रेट में पांच फीसदी का इजाफा होने जा रहा है। यह घोषणा फरीदाबाद महानगर विकसित प्राधिकरण (एफएमडीए) ने की है। पानी की नई दरें एक अप्रैल 2023 से लागू होंगी। बता दें कि पानी की दरों में बढ़ोत्‍तरी का प्रस्‍ताव एफएमडीए के सीईओ सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में रखा था। जिसे अब मंजूरी दे दी गई। हालांकि इस बढ़ोत्‍तरी से एफएमडीए और नगर निगम के बीच में विवाद भी शुरू हो गया है।

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गौरतलब है कि फरीदाबाद में एफएमडीए पहले नगर निगम को पानी सप्‍लाई करता है और फिर नगर निगम इस पानी को पूरे शहर में वितरित करता है। एफएमडीए पानी सप्‍लाई के बदले नगर निगम से 10 रुपये प्रति केएलडी (एक हजार लीटर) की दर से शुल्‍क वसूलता है। वहीं, नगर निगम उपभोक्ताओं से 2.80 रुपये से लेकर 4.50 रुपये प्रति केएलडी के दर से शुल्क लेता है। नगर निगम पिछले 10 साल से उपभोक्‍ताओं को इसी रेट पर पानी का सप्‍लाई कर रहा है, जबकि एफएमडीए हर दूसरे साल अपने रेट में इजाफा कर देता है। इस पर पांच फीसदी की बढ़ोतरी का असर सीधे तौर पर नगर निगम, ग्रेटर फरीदाबाद (ग्रेफ), उद्योग, शिक्षण संस्थान, मॉल आदि बड़े उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। साथ ही अब नगर निगम भी पानी का रेट बढ़ाने पर मजबूर होगा। जिसका असर आम लोगों पर पड़ेगा। हालांकि अभी तक निगम ने रेट बढ़ाने की घोषणा नहीं की है।

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नगर निगम पर पड़ रहा चौतरफा दबावनगर निगम के कार्यकारी अभियंता बीके कर्दम ने बताया कि शहर में लोगों को पानी की आपूर्ति के लिए यमुना किनारे रेनीवेल लगाए थे। इस पर करीब 600 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। इनको एफएमडीए ने अपने अधीन ले लिया है, जबकि इसे बनाने में लिए गए कर्ज की किस्‍त नगर निगम भर रहा है और साथ ही एफएमडीए की तरफ से निगम को दस रुपये प्रति केएलडी की दर से पानी का बिल भी भेजा जा रहा है। इस साल एफएफडीए की तरफ से निगम को 25 करोड़ का बिल भेजा गया है। इस दौतरफा दबाव के कारण अब नगर निगम और एफएमडीए में विवाद शुरू हो गया है। निगम कर्ज का ब्‍याज नहीं भरना चाहता है। निगम अधिकारियों के अनुसार अगर जल्‍द ही इससे निगम को राहत नहीं मिली तो निगम भी या तो पानी का रेट बढ़ाने पर मजबूर होगा या फिर कंगाल हो जाएगा।

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