Faridabad Fraud: पति की सरकारी नौकरी लगवाने का वादा कर गैंग ने निकाल ली पत्नी की किडनी, फरीदाबाद में दिल दहला देने वाला मामला

Faridabad Fraud: फरीदाबाद में नौकरी का झांसा देकर किडनी ट्रांसप्लांट का बड़ा मामला सामने आया है। किडनी रैकेट के सदस्‍यों ने एक महिला को झांसा दिया कि, उसके पति की सरकारी नौकरी लगवा देंगे, बदले में आरोपियों ने महिला की किडनी निकाल ली। किडनी देने के बाद भी जब पति को सरकारी नौकरी नहीं मिली तो महिला ने इसकी शिकायत पुलिस में दी।

पति की नौकरी का झांसा देकर पत्‍नी की निकाली किडनी

मुख्य बातें
  • पीड़िता ने पति के फेसबुक पेज पर देखा था किडनी दान का विज्ञापन
  • पीड़िता को दिया था किडनी के बदले पति की सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा
  • कुछ ही समय में फर्जी कागज तैयार कर दिल्‍ली के व्‍यक्ति को दे दी गई किडनी

Faridabad Fraud: फरीदाबाद में किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर धोखाधड़ी का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। पूरे मामले का खुलासा होने के बाद फरीदाबाद पुलिस के अधिकारी भी हैरान हैं। दरअसल, जिले में एक महिला को कुछ लोगों ने उसके पति की सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा दिया और बदले में पीड़िता की किडनी निकाल ली। यह किडनी एक मरीज को ट्रांसप्लांट भी कर दी गई। इसके बाद जब महिला ने आरोपितों से पति के लिए सरकारी नौकरी की मांग की तो आरोपियों ने महिला को धमका कर भगा दिया। जिसके बाद महिला को अपने साथ धोखाधड़ी होने का अहसास हुआ और पीड़िता ने पुलिस के पास पहुंचकर शिकाय दर्ज कराई। पीड़ित महिला की आपबीती सुनकर पुलिस अधिकारी भी हतप्रभा हो गए।

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धोखाधड़ी के इस मामले में पीड़ित महिला ने पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा को शिकायत दी थी। जिसके बाद पुलिस आयुक्त ने पूरे मामले की जांच एसीपी ओल्ड महेंद्र वर्मा को सौंपी। पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाली पीड़ित महिला फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में अपने पति के साथ किराये के मकान में रहती हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि, उसने अपने पति के फेसबुक अकाउंट पर किडनी दान करने की अपील करने वाला विज्ञापन देखा था। जिसके बाद उसने विज्ञापन की बगैर सच्‍चाई जानें किडनी दान करने की सहमति जता दी।

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पुलिस को किडनी रैकेट पर शकपीड़िता ने बताया कि, इसके बाद कुछ लोगों ने उससे संपर्क किया। उनकी बातों को सुनकर उसने किडनी दान करने से मना कर दिया। शिकायतकर्ता ने बताया कि, इसके बाद आरोपितों ने उसके पति की सरकारी नौकरी लगावाने का झांसा दिया। आरोपियों के इस झांसे में वो आ गईं और किडनी देने की हामी भर दी। पीड़िता ने बताया कि, यह किडनी दिल्ली के रहने वाले व्यक्ति को ट्रांसप्लांट होनी थी। इसलिए आरोपियों ने उस व्यक्ति की पत्‍नी के तौर पर उसका फर्जी आधार कार्ड और शादी पंजीकरण सर्टिफिकेट बनवाया। आरोप है कि, इसके बाद एक निजी अस्पताल ने पीड़िता की किडनी दिल्ली के उस व्यक्ति को ट्रांसप्लांट कर दी गई। इस मामले की जांच कर रहे एसीपी ओल्ड महेंद्र वर्मा ने बताया कि, पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है। अभी तक की जांच में यह किसी गिरोह का काम लगता है। जिस तरह से कुछ समय के अंदर फर्जी कागज तैयार कर किडनी ट्रांसप्लांट किए गया वह किसी सामान्य व्यक्ति का काम नहीं हो सकता है। जल्‍द ही गिरोह का पर्दाफाश कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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