Faridabad: फरीदाबाद में परिवार पहचान पत्रों बनवाने में बड़ी लापरवाही, सवा लाख पहचान पत्र में खामियां

Faridabad: परिवार पहचान पत्र बनने में अधिकारियों द्वारा की गई लारवाही के कारण करीब सवा लाख पहचान पत्रों में खामी पाई गई है। ये परिवार पहचान पत्र पहले से बने मतदाता पहचान पत्रों के साथ मैच नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से वार्डबंदी में देरी हो रही है। प्रशासन अब इन खामियों को दूर करने में जुटा है।

परिवार पहचान पत्रों बनवाने में लापरवाही

मुख्य बातें
  • जिले में बना है 5.71 लाख परिवार पहचान पत्र
  • मतदाता पहचान पत्र के साथ नहीं हो पा रहा है मिलान
  • इन खामियों के कारण वार्डबंदी के समय में हो रही देरी


Faridabad: फरीदाबाद में अधिकारियों के लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां पर वार्डबंदी की मतदाता सूची के साथ करीब एक लाख परिवार पहचान पत्रों का मिलान नहीं हो सका है। जिसकी वजह से अब वार्डबंदी में अधर में लटक गई है। फरीदाबाद नगर निगम इस बार परिवार पहचान पत्र के आधार पर नई वार्डबंदी तैयार कर 21 जनवरी तक मुख्यालय भेजनी थी, लेकिन यह नहीं हो पाया। अब अधिकारी इसे जल्‍द से जल्‍द तैयार करने में जुटे हैं। अब इसे फरवरी माह के पहले सप्‍ताह तक तैयार करने की कोशिश की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, करीब सवा लाख परिवार पहचान पत्र में कोई न कोई खामी है, जिसकी वजह से इसका मिलान मतदाता पहचान पत्र के साथ नहीं हो पा रहा है। अब ऐसे परिवार पहचान पत्रों की ठीक किया जा रहा है।

बता दें कि, राज्य सरकार ने इस बार नगर निगम की वार्डबंदी परिवार पहचान पत्र के आधार पर करने का निर्देश दिया है। जिसके आधार पर नई वार्डबंदी परिवार पहचान पत्रों के आधार पर की जा रही है। इसमें आशंकित खामियों को दूर करने के लिए फरीदाबाद जिलाधीश द्वारा पुरानी वार्ड कमेटी से भी सुझाव मांगे गए हैं। साथ ही नए सिरे से परिवार पहचान पत्र के आधार पर दोबार से मतदाताओं की संख्‍या का पता लगाया जा रहा है। जिसमें ये खामियां उभर कर सामने आई हैं। अधिकारियों के अनुसार, इन खामियों की वजह से वार्डबंदी और निगम चुनाव में देरी हो सकती है।

फरीदाबाद निगम में होंगे 45 वार्ड वार्डबंदी कमेटी के अधिकारी रवि सिंघला ने बताया कि फरीदाबाद शहर की आबादी लगभग 26 लाख के करीब आंकी गई है। पिछले वार्डबंदी के दौरान प्रति 58 हजार आबादी के आधार पर कुल 40 वार्ड तैयार किया गया था। अब वार्ड की संख्‍या बढ़ाकर 45 कर दिया गया है। इसकी वजह से सभी वार्डों के क्षेत्रफल में भी बदलाव किया गया। अब इन सभी वार्ड में मतदाताओं की संख्‍या को भी बराबर के हिस्‍से में बांटा जाएगा। अधिकारियों ने बताया जिले में करीब 5.71 लाख परिवार पहचान पत्र बनाए गए हैं। इनमें से सिर्फ साढ़े चार लाख परिवार पहचान पत्रों का ही मिलान पहले से बने मतदाता पहचान पत्रों के साथ हो पाया है। बाकी के करीब सवा लाख परिवार पहचान पत्रों में कुछ न कुछ खामियां हैं, जिसकी वजह से उनका मिलान नहीं हो पा रहा हैं। अधिकारियों ने बताया कि परिवार पहचान पत्र ठीक करने के लिए प्रशासन द्वारा कई बार शिविर लगाया जा चुका है। साथ ही अभी भी लघु सचिवालय में इन्हें ठीक करने का काम चल रहा है।

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