Faridabad: फरीदाबाद में इन्फ्लूएंजा मरीजों में 40% की बढ़ोत्तरी, जारी हुआ अलर्ट, अस्पतालों में रिजर्व किए बेड, ऐसे बचें
Faridabad: इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से सर्दी-खांसी और बुखार ने इस समय रफ्तार पकड़ ली है। फैलते संक्रमण को रोकने के लिए फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर अपने सभी अस्पतालों में आइसोलेशन बॉर्ड बनाने के साथ इलाज की सभी जरूरी व्यवस्था शुरू कर दी है। यह वायरस सबसे ज्यादा बच्चे और बुज़ुर्गों को प्रभावित कर रहा है।
इन्फ्लूएंजा वायरस कर रहा लोगों को बीमार
- इन्फ्लूएंजा वायरस के A सबटाइप H3N2 लोगों को कर रहा बीमार
- बीके अस्पताल में रोजाना पहुंच रहे इस वायरस के 600 से 700 मरीज
- जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में आइसोलेशन बॉर्ड बनाने का निर्देश
Faridabad: सर्दी-खांसी और बुखार जैसी संक्रमण की बीमारियों ने इस समय रफ्तार पकड़ ली है। जिसकी वजह से लोगों में कोराना वायरस फैलने का डर पनपने लगा है। हालांकि डॉक्टरों के अनुसार इसके लिए कोविड नहीं इन्फ्लूएंजा वायरस जिम्मेदार है। इन्फ्लूएंजा वायरस के A सबटाइप H3N2 ने पिछले एक माह से लोगों को अपने जकड़ में रखा है। इसकी वजह से बुखार और सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। फरीदाबाद के बीके अस्पताल के ओपीडी में रोजाना करीब दो से ढाई हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इस समय यहां आने वाले मरीजों में करीब 600 से 700 मरीज इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित हैं। डाक्टरों के अनुसार इन मरीजों के संख्या में पिछले एक सप्ताह के अंदर ही करीब 40% की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। इस वायरस से प्रभावित मरीजों में बच्चे और बुज़ुर्गों की संख्या ज्यादा है।
इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित मरीजों के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रामभगत ने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस को लेकर अभी तक सरकार की तरफ से कोई निर्देश नहीं मिला है, लेकिन इसके बावजूद जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी को अलर्ट भेज ऐसे मरीजों के लिए इलाज की उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा सभी अस्पतालों में आइसोलेशन बॉर्ड बना बेड आरक्षित करने को भी कहा गया है। हालांकि अभी तक किसी मरीज को भर्ती करने की नौबत नहीं आई है।
इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण और बचाव के उपायबीके अस्पताल की प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर डॉ. सविता यादव ने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित होने पर मरीज को को थकान और कमजोरी महसूस होना, चक्कर आना, तेज बुखार, गले में कफ जमना, सिर और मांसपेशियों में दर्द होने के अलावा त्वचा नीली पड़ जाने जैसे लक्षण दिखते हैं। इससे बचाव और फैलने से रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है साफ-सफाई के साथ हाइजनिक खाने का सेवन करना है। खाना खाने से पहले हाथ को अच्दे से धुलें, मास्क लगाएं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले भोजन का सेवन करें। बासी खाना न खाएं और पर्याप्त मात्रा में लस्सी, छाछ, दूध, पानी और जूस लें। भीड़भाड़ वाली जगह जाने से बचें और बार-बार आंखों और नाक को न छुएं। खांसते या छींकते वक्त मुंह और नाक पर रुमाल रखें। डॉक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करें।
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