बैंक मैनेजर को किडनैप कर 4 राज्यों में घूमता रहा किराएदार, होश उड़ा देगी अपहरण की फिल्मी साजिश

दिल्ली की एक निजी बैंक में कार्यरत मैनेजर को अपहरकर्ता के चंगुल से छुड़ा लिया गया। फिल्मी स्टाइल में की गई किडनैपिक का क्राइम ब्रांच-30 की टीम ने खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

Tenant kidnapped bank manager Satish Kumar

बैंक मैनेजर किडनैपिंग केस

फरीदाबाद: दिल्ली स्थित एक निजी बैंक में कार्यरत मैनेजर को घर में घुसकर दो अपहरणकर्ताओं ने हथियार के बल पर किडनैप कर उनकी ही कार से लेकर फरार हो गए थे। पुलिस ने पीड़ित बैंक मैनेजर सतीश कुमार की पत्नी सुनीता मीणा की शिकायत पर आदर्श नगर थाने में संबंधित के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस मामले में आरोपियों की धरपकड़ के लिए क्राइम ब्रांच की आठ टीमें लगाई गईं थी। फिलहाल, क्राइम ब्रांच-30 की टीम ने अब तक मुख्य आरोपी भूपेंदर और भूपेंदर की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। एक अन्य आरोपी कैब ड्राइवर और मुख्य आरोपी के दोस्त रविंदर की तलाश जारी है।

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किराएदार ने बैंक मैनेजर का किया अपहरण

हैरानी की बात ये है कि अपहरण का मुख्य आरोपी पीड़ित परिवार का पूर्व किरायेदार ही निकला है। जानकारी के मुताबिक, पीड़ित की पत्नी गृह मंत्रालय में साइंटिस्ट हैं। अपहरण के दौरान पीड़ित के दोस्त पर हथौड़े से हमला किया, जबकि पत्नी पर हथियार से हमला करने की कोशिश की गई। एसीपी क्राइम अमन यादव ने प्रेस वार्ता में इन सब बातों का खुलासा किया।

खुद पीड़ित से ड्राइव कराई कार

पीड़ित की पत्नी सुनीता मीणा के मुताबिक, आरोपियों ने निकालने से पहले पीड़ित की कार की चाबी और पर्स घर से उठा लिया। इसके बाद भूपेंदर ने पीड़ित सतीश को ड्राइविंग सीट पर पिस्टल के बल पर कार ड्राइव करने को कहा। वहीं, दूसरा आरोपी रविंदर अपनी कैब से वहां से दिल्ली की ओर रवाना हुए। इस दौरान आरोपी पीड़ित की पत्नी और उसके दोस्त के मोबाइल भी अपने साथ ले गए, जिससे कि वो घटना की सूचना पुलिस को समय से ना दे सकें और उन्हें भागने का भरपूर मौका मिल सके। जानकारी के मुताबिक, रास्ते में मुख्य आरोपी ने पीड़ित की इलेक्ट्रिक ऑटोमैटिक कार ड्राइव करने के टिप्स भी लिए।

पीड़ित के क्रेडिट कार्ड से भराया फ्यूल

फिर, आरोपियों ने सतीश कुमार की कार को दिल्ली रोहिणी में छोड़कर वहां से रविंदर की कैब में गुड़गांव हरियाणा की तरफ रवाना हो गए। इतना ही नहीं, उन्होंने पीड़ित के ही क्रेडिट कार्ड से कैब में गैस और पेट्रोल डलवाया। आरोपियों ने घटना के समय मुंह पर नकाब पहना हुआ था, इस वजह पीड़ित पत्नी-पत्नी उन्हें पहचान नहीं सके। पीड़ित को कैब में बैठाते समय आरोपियों ने उसकी आंख पर पट्टी बांधकर उसे कार में पीछे वाली सीट पर बैठा लिया।

चार राज्यों में घुमाया

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने पुलिस से बचने के लिए पीड़ित के हाथ, आंख और मुंह बांध रखा था। एनबीटी में छपी खबर के हवाले से आरोपी गुड़गांव से निकलकर पीड़ित को लेकर हाईवे से हिमाचल के बिलासपुर से लेकर गए, जिसके बाद वहीं, पीड़ित का फोन ऑन करके पुलिस को चकमा देने के लिए फेंक दिया, जिसके बाद वहां से आरोपी रातों रात ही वापस आ गए।

50 लाख रुपये फिरौती की डिमांड

इसके बाद हिमाचल से लौटकर आरोपी मथुरा गए। यहां पहले से ही मुख्य आरोपी ने किराए पर मकान ले रखा था। फिर आरोपियों ने पीड़ित को उसी मकान में ठहराया। एनबीटी की खबर के मुताबिक, यहीं मुख्य आरोपी ने अपनी पत्नी और बच्चे को रुकवाया हुआ था, जिसके बाद उन्होंने पीड़ित के पिता जोकि दिल्ली बिजली बोर्ड में अधिकारी हैं, उन्हें फिरौती मांगने के लिए कॉल किया। आरोपियों ने सबसे पहले 50 लाख रुपये की फिरौती की डिमांड की, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने इतने पैसे ना होने की बात कही तो 40 लाख पर आ गए फिर 20 फिर 10 ऐसे करते करते 05 लाख फिरौती देने पर डील तय हुई।

क्राइम ब्रांच-30 की टीम ने ऐसे दबोचा

बुधवार को आरोपी पीड़ित को छोड़ने और फिरौती की रकम लेने के लिए कैली बाईपास के पास पहुंचे। वहीं, इस कार का पीछा होटल से ही वहां की क्राइम ब्रांच की टीम कर रही थी। इधर, पीड़ित की पत्नी चार लाख रुपये नगद लेकर घर से निकली। क्राइम ब्रांच-30 की टीम भी उनके पीछे से नजर बनाए रखी थी। कैली बाईपास पर सुनीता मीणा ने नोटों से भरा बैग भूपेंदर को दिया। वहीं, भूपेंदर ने सतीश को उनकी पत्नी के हवाले कर दिया, जिसके बाद भूपेंदर जैसे ही कैब में बैठकर अपनी पत्नी और बच्चे के साथ आगे बढ़ा तो क्राइम ब्रांच-30 की टीम ने उसे दबोच लिया।

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि भूपेंदर अपनी पत्नी और तीन साल के बेटे के साथ पीड़ित के मकान में किराए पर पांच महीने के लिए रहे थे। फरवरी में पीड़ित ने मकान खाली किया था। बताया जा रहा है कि आरोपी पहले गुड़गांव में एक गैस पंप पर काम करता था। इस दौरान उसकी दोस्ती रविंदर से हुई थी। आरोपी अभी नौकरी चले जाने की वजह से वो बेरोजगार घूम रहा था।

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