Faridabad: फरीदाबाद शहर की 306 अवैध कॉलोनी होंगी नियमित, सर्वे के लिए कमेटी गठित, लाखों लोगों को मिलेगा फायदा
Faridabad: फरीदाबाद की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार के निर्देश पर नगर निगम एक बार फिर से शहर की 306 अवैध कॉलोनियां को नियमित करने के लिए सर्वे शुरू करने जा रही है। इसके लिए कमेटी गठित हो गई है। इस सप्ताह सर्वे के लिए कंपनी नियुक्त हो जाएगी। कंपनी दो माह में सर्वे कार्य पूरा करेगी। जिसके बाद इन कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
फरीदाबाद में अवैध कॉलोनी
मुख्य बातें
- दो एकड़ में बसी और 50 फीसदी आबाद कॉलोनियां ही होंगी नियमित
- इस सप्ताह नियुक्त होगी कंपनी, दो माह में सर्वे कार्य पूरा करने का लक्ष्य
- सरकारी जमीन और अरावली पर बसी अवैध कॉलोनियां लिस्ट से बाहर
Faridabad: फरीदाबाद की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए खुशखबरी है। शहर की 306 अवैध कॉलोनियां को नियमित करने के लिए हरियाणा सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। राज्य सरकार से निर्देश मिलने पर फरीदाबाद नगर निगम आयुक्त ने सर्वे एजेंसी का चयन करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी इसी सप्ताह सर्वे एजेंसी की चयन प्रक्रिया को पूरा कर लेगा। जिसके बाद नियुक्त कंपनी दो महीने में अवैध कॉलोनियों के सर्वे का कार्य पूरा करेगी। इस सर्वे में उन अवैध कॉलोनियों को शामिल किया जाएगा, जो कम से कम दो एकड़ में बसी हैं। सर्वे के लिए निगम द्वारा फरीदाबाद और ग्रेटर फरीदाबाद में बसी 306 अवैध कॉलोनियों की लिस्ट तैयार की है।
बता दें कि नगर निगम ने बीते साल नगर निगम ने सर्वे करा 349 अवैध कॉलोनियों की लिस्ट तैयार कर नियमित करने की अनुसंशा की थी। इसके बाद दूसरे सर्वे की जिम्मेदारी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को दी गई। इस विभाग ने सर्वे कर सिर्फ 43 कॉलोनियों को ही नियमित करने के लिए सूचीबद्ध किया। जब इस सर्वे की जांच की गई तो इसमें कई खामियां मिली। जिसके बाद राज्य सरकार ने अब एक बार फिर से बाकी बचे 306 कॉलोनी का सर्व करने का निर्देश दिया है। जिन कॉलोनियों का अब सर्वे किया जाएगा, ये सभी खेडा, गौंछी, नवादा, तिगांव, झाडसैंतली, नंगला गुजरान, नीमका, बुढेना, मुजेडी और दयालपुर आदि इलाकों में मौजूद हैं।
लोगों को मिलेंगी सभी मूलभूत सुविधाएं निगम अधिकारियों के अनुसार इस सर्वे में उन अवैध कॉलोनियों को शामिल किया जा रहा है, जो पचास फीसदी से अधिक आबाद हो चुकी है। अवैध कॉलोनियों के नियमित होने पर इन कॉलोनी में निगम द्वारा पानी, सड़क, सीवर, पार्क व अन्य मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके बदले निगम लोगों से विकास शुल्क वसूलेगा। लोगों को कितना विकास शुल्क देना होगा, यह अधिसूचना जारी होने के बाद पता चलेगा। अधिकारियों के अनुसार, विकास शुल्क प्रत्येक कॉलोनी में वहां पर डेवलपमेंट से जुड़े कार्यों के आधार पर लगाया जाएगा। इस सर्वे में उन अवैध कॉलोनियों को नहीं शामिल किया गया है जो सरकारी जमीन कब्जा कर या फिर अरावली क्षेत्र में बसी हैं।
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