Meerut News: एसडीएम कार्यालय के बाहर किसान ने खुद को लगाई आग, वन विभाग पर जमीन कब्जा करने का लगाया आरोप

Meerut News: मेरठ के मवाना में एसडीएम कार्यालय के सामने एक किसान ने आत्महत्या करने का प्रयास किया। आत्मदाह करने का प्रयास करने वाले किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी जगबीर के तौर पर की गयी है।

मेरठ में किसान ने किया आत्महत्या का प्रयास

Meerut News: मेरठ में कथित तौर पर एक किसान ने उसकी भूमि को सरकारी बताकर उस पर वन विभाग द्वारा कब्जा करने के विरोध में मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगा कर आत्मदाह करने का प्रयास किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि आत्मदाह करने का प्रयास करने वाले किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी जगबीर (53) के तौर पर की गयी है। उन्होंने बताया कि उसका आरोप है कि वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए उसकी भूमि को सरकारी बताकर अपने कब्जे में ले लिया है। 70 फीसदी से अधिक जल जाने के कारण किसान की हालत गंभीर बताई जा रही है।
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आग में बुरी तरह झुलसे किसान को पहले सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में भर्ती कराया गया था, जहां से उसे बेहतर उपचार के लिये मेरठ भेजा गया। जिलाधिकारी (डीएम) दीपक मीणा ने घटना के संबंध में बताया कि आज दोपहर मवाना तहसील में करीब साढ़े बारह बजे जगबीर ने आत्मदाह करने की कोशिश की। उसकी जेब से जो प्रार्थना पत्र मिला है, उसमें उसका कथन है कि उसकी जमीन वन विभाग ने कब्जा बता कर ले ली है, जिसकी सही तरीके से जांच करायी जाये। हालांकि, प्रार्थना पत्र घटना के समय तक दिया नहीं गया था। मीणा ने बताया कि असल में यह घटना कल की उस घटना के परिप्रेक्ष्य में हुई है, जिसमें वन विभाग की एक जमीन (खसरा संख्या 854) पर जगबीर का कब्जा पाया गया। वन विभाग द्वारा तहसील दिवस पर प्राप्त शिकायतों के क्रम में राजस्व की टीम के साथ मौके पर जाकर कब्जा की गई जमीन को कब्जा मुक्त करा कर जमीन को वन विभाग को दिया गया।
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इसी कार्रवाई के विरोध में जगबीर ने आत्मदाह का प्रयास किया गया। जगबीर फिलहाल अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं। उधर,क्षेत्रीय वन अधिकारी रविकांत चौधरी ने भी पत्रकारों से बातचीत में किसान के आरोपों को गलत बताते हुए किसान पर वन विभाग की जमीन जबरन जोतने का आरोप लगाया है। चौधरी ने बताया कि इस भूमि पर पिछले कई वर्षों से अवैध कब्जा था, जिसे अभियान के तहत ट्रैक्टर चलाकर अतिक्रमण मुक्त कराया गया और वन विभाग ने इस भूमि को अपने कब्जे में ले लिया है।
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