RRTS: नमो भारत को मिलेगी नई रफ्तार, मेरठ में पहला रिसीविंग सब-स्टेशन तैयार

नमो भारत को जल्द ही नई रफ्तार मिलेगी, क्योंकि मेरठ में पहला रिसीविंग सब-स्टेशन शताब्दी नगर आरआरटीएस स्टेशन के पास बनकर तैयार हो चुका है। मेरठ में पहला रिसीविंग सब-स्टेशन शताब्दी नगर आरआरटीएस स्टेशन के पास बनकर तैयार हो चुका है।

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फाइल फोटो।

Namo Bharat: दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में पहला रिसीविंग सब-स्टेशन शताब्दी नगर आरआरटीएस स्टेशन के पास बनकर तैयार हो चुका है। इसकी बिल्डिंग तैयार होने के साथ ही यहां इलेक्ट्रिकल उपकरणों की स्थापना का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। शताब्दी नगर के इस आरएसएस की क्षमता 70 मेगावाट की होगी, जिसके लिए यहां 04 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। इनकी टेस्टिंग प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है।

मेरठ में आरआरटीएस कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो के लिए दो रिसीविंग सब-स्टेशन (आरएसएस) बनाए जा रहे हैं, जिनमें से शताब्दी नगर आरएसएस पहला आरएसएस है, जो जल्द ही आरआरटीएस कॉरिडोर के स्टेशनों एवं ट्रेनों के संचालन के लिए विद्युत आपूर्ति के लिए तैयार हो जाएगा। मेरठ में दूसरा आरएसएस मोदीपुरम में बनाया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य भी तेजी से किया जा रहा है।

कहां होगी बिजली की सप्लाई

शताब्दी नगर आरएसएस से मेरठ में रिठानी (मेट्रो), शताब्दी नगर (आरआरटीएस), ब्रह्मपुरी (मेट्रो), मेरठ सेंट्रल (भूमिगत-मेट्रो), भैंसाली (भूमिगत-मेट्रो), बेगमपुल (भूमिगत-आरआरटीएस) और एमईएस कॉलोनी स्टेशन तक (मेट्रो) विद्युत सप्लाई की जाएगी।

एनसीआरटीसी द्वारा उत्तर प्रदेश में बनाए जा रहे आरएसएस में विद्युत सप्लाई के लिए उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीटीसीएल) एवं पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के साथ करार किया है, जिसके तहत इस आरएसएस में यूपीटीसीएल ग्रिड सबस्टेशन से 220 केवी पर इएचटी (एक्सट्रा हाईटेंशन लाइन) केबल द्वारा विद्युत् आपूर्ति की जाएगी। इसके बाद आरएसएस से 25 केवी बिजली ट्रेनों के संचालन के लिए और 33 केवी विद्युत आरआरटीएस स्टेशनों की समस्त जरूरतों की आपूर्ति के लिए इस्तेमाल की जाएगी।

क्या है इसकी खासियत?

कॉरिडोर के सभी स्टेशनों में सहायक सब-स्टेशन (एएसएस) बनाए गए हैं। रिसीविंग सब-स्टेशन से 33 केवी रिंग मेन केबल के जरिए एएसएस में विद्युत पहुंचती है और उसके बाद एएसएस से स्टेशन के अन्य हिस्सों में विद्युत आपूर्ति की जाती है।

नमो भारत / मेट्रो ट्रेनों और स्टशनों में निरंतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा दिल्ली से मेरठ तक कुल 05 रिसीविंग सब स्टेशन निर्मित किए जा रहे हैं। इन विद्युत् सब स्टेशनों का निर्माण, दिल्ली में सराय काले खां और उत्तर प्रदेश में गाज़ियाबाद, मुराद नगर, शताब्दी नगर मेरठ और मोदीपुरम मेरठ में किया जा रहा है। इसी क्रम में गाजियाबाद और मुराद नगर आरएसएस बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनसे आरआरटीएस कॉरिडोर पर साहिबाबाद से मेरठ साउथ तक लगभग 42 किमी के खंड में विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इसके साथ ही शताब्दी नगर आरएसएस का निर्माण भी लगभग पूर्ण हो गया है और सराय काले खां और मोदीपुरम आरएसएस का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है।

इन आरएसएस के क्रियान्वयन की योजना इस प्रकार बनाई गई है कि अगर किसी आकस्मिक कारणवश कोई आरएसएस अपने निर्धारित खंड में विद्युत आपूर्ति न कर पाए तो ऐसी स्थिति में उसके नजदीकी आरएसएस से प्रभावित हिस्से में विद्युत आपूर्ति निर्बाध एवं सुचारु रुप से होती रहे।

दिल्ली से मेरठ के बीच कुल 25 स्टेशन

एनसीआरटीसी अपने सभी आरएसएस को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कॉउन्सिल (आईजीबीसी) के प्लेटिनम मानकों के अनुसार तैयार कर रहा है, जिसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, हरित क्षेत्र, एलईडी बल्ब, प्राकृतिक रौशनी और हवा आने लायक बिल्डिंग का निर्माण आदि शामिल है।

दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस परियोजना के तहत दिल्ली से मेरठ के बीच कुल 25 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इस कॉरिडोर पर साहिबाबाद से मेरठ साउथ तक 42 किमी के खंड में नमो भारत ट्रेनों का संचालन जनता के लिए शुरू हो चुका है। नमो भारत के संचालित खंड में कुल नौ स्टेशन हैं, जिनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुराद नगर, मोदी नगर साउथ, मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन और मेरठ साउथ शामिल हैं।

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Devshanker Chovdhary author

देवशंकर चौधरी मार्च 2024 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं और बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। टाइम्स नाउ सिटी टीम में वह इंफ्रा...और देखें

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