पटरी पर पहुंची पहली Vande Bharat Metro, इस राज्य को मिली सौगात; हाईटेक हैं सुविधाएं
First Vande Bharat Metro: भारत की पहली वंदे भारत मेट्रो गुजरात में चलने के लिए तैयार है। यह मेट्रो ट्रेन अहमदाबाद के साबरमती स्टेशन पर पहुंच चुकी है। आइये जानते हैं ये ट्रेन किन-किन स्टेशनों के बीच चलेगी और इसकी खासियतें क्या-क्या हैं?
वंदे भारत मेट्रो
First Vande Bharat Metro: इंडियन रेलवे (Indian Railway) यात्रियों का ख्याल रखते हुए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express Train) के बाद वंदे भारत मेट्रो चलाने के लिए तैयार है। वंदे भारत एक्सप्रेस की सफलता के बाद देश की पहली वंदे भारत मेट्रो पटरियों पर फर्राटा भरने के लिए गुजरात के साबरमती स्टेशन पहुंच चुकी है। भारतीय रेलवे के मुताबिक, जल्द ही वंदे भारत मेट्रो का ट्रायल रन शुरू किया जाएगा। पश्चिम रेलवे ने वडोदरा और अहमदाबाद के बीच पहली वंदे भारत मेट्रो संचालित करने का प्लान बनाया है। अहमदाबाद से मुंबई तक रेलवे मार्ग को हाल ही में काफी बेहतर किया गया है। सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद यह आम यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी। लोगों की जिज्ञासा है कि इस प्रीमियम ट्रेन का किराया कितना होगा और यह कितने किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से चलेगी? तो आइये जानते हैं इस ट्रेन की खासियतें क्या हैं?
वंदे भारत मेट्रो, वंदे भारत एक्सप्रेस का मिलाजुला रूप है। मौजूदा समय में देशभर के विभिन्न रूटों पर करीब 52 जोड़ी वंदे भारत ट्रेनें दौड़ रही हैं। इनमें सबसे ज्यादा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को कवर करती हैं। इसी प्रकार दिल्ली से यूपी समेत बिहार के यात्रियों को ले जाने के लिए बड़ी संख्या में ये हाईस्पीड ट्रेनें चल रही हैं। वर्तमान में यूपी के लिए 6 वंदे भारत एक्सप्रेस (UP Vande Bharat Express) चलाई जा रही हैं।
इतनी स्पीड में चलेगी वंदे भारत मेट्रो
वंदे भारत मेट्रो की बात करें तो यह स्पीड के मामले में वंदे भारत एक्सप्रेस से आगे है। क्योंकि यह 100 किमी. की रफ्तार मौजूदा वंदे भारत ट्रेन से भी कम समय में पकड़ लेगी। कुल मिलाकर इनका पिकअप का समय और घटा है। वर्तमान में संचालित वंदे भारत एक्सप्रेस को जीरो से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में 52 सेकेंड का समय लगता है, लेकिन वंदे भारत मेट्रो की डिजाइन कुछ खास है, जो जीरो से 100 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में महज 45 से 47 सेकेंड का समय लेगी। हालांकि, इसकी स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से कम रखी गई है। इसकी वास्तविक अधिकतम स्पीड 180 किमी. प्रति घंटे है, लेकिन वंदे भारत मेट्रो की स्पीड 130 किमी. प्रति घंटे है। इसका कारण है नजदीक मेट्रो स्टेशनों का होना। लिहाजा, इसकी स्पीड तेज रखने से कोई फायदा नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, वंदे भारत मेट्रो का किराया एसी चेयरकार के मुकाबले कम होगा। मेट्रो ट्रेनों के किराए के इर्द गिर्द रखा जा सकता है। हालांकि, इसके लिए मेट्रो कॉर्पोरेशन और आरआरटीएस दोनों के किराए का संतुलन देखा जा रहा है। एक रेलवे अधिकारी के मुताबिक, किराया कम रखने से अधिकतम आम आदमी वंदे भारत मेट्रो में सफर कर सकेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं जल्द ही किराया का स्ट्रक्चर जारी किया जा सकता है।
वंदे भारत मेट्रो रूट मैप (Vande Bharat Metro Route Map)
रेलवे का कहना है कि वंदे भारत मेट्रो देश के करीब 124 शहरों को जोड़ेगी। इनमें कुछ संभावित रूट निर्धारित कर लिये गए हैं। इनमें से यूपी के लखनऊ-कानपुर, आगरा-मथुरा, दिल्ली-रेवाड़ी, भुवनेश्वर-बालासोर, आगरा-दिल्ली, तिरूपति-चेन्नई और दिल्ली-मुरादाबाद जैसे रूट शामिल हैं। वंदे मेट्रो का इस्तेमाल मेट्रो शहरों में 200-250 किमी. लंबे रूट पर किया जा सकता है। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार पहली वंदे भारत मेट्रो दिल्ली से मेरठ या मुंबई में लॉन्च की जा सकती है। केरल में 10 वंदे भारत मेट्रो सेवाएं शुरू की जाएंगी। ट्रेन के असेंबल्ड बोगी फ्रेम भी कानपुर की वेद सेसोमैकेनिका कंपनी ने तैयार किए हैं।
यहां से भेजे गए असेंबल्ड बोगी फ्रेम पर कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में ट्रेन बनकर तैयार हो गई है और उसे चलाकर परीक्षण किया जा रहा है। एक जुलाई को पहली ट्रेन के चलने के बाद जल्द ही देश में 50 और वंदे भारत मेट्रो को चलाया जाएगा। ये ट्रेनें छोटी दूरी की यात्रा कराएंगी और दैनिक यात्रियों के लिए होंगी। ये ट्रेनें 124 शहरों को एक-दूसरे से जोड़ेंगी।
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पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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