रामनवमी पर नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, राम सेतु पहुंचना होगा आसान
6 अप्रैल को देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज का उद्घाटन होगा। पंबन रेलवे ब्रिज बनकर तैयार हो चुका है। लगभग 2 किलोमीटर लंबा ये रेलवे ब्रिज देश की मुख्य भूमि से रामेश्वरम की दूरी को मात्र पांच मिनट की कर देगा। रामनवमी को प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करेंगे। इससे मंडपम से राम सेतु पहुंचना आसान हो जाएगा, जो परिवहन, व्यापार और पर्यटन को बढ़ाने की उम्मीद भी जगा रहा है।

खुलने वाला है पंबन का वर्टिकल सी ब्रिज
देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज, पंबन पुल अब बनकर तैयार हो चुका है। काफी लंबे समय से इस नए पुल का इंतजार हो रहा था, जो रामनवमी यानी 6 अप्रैल के दिन खत्म हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के रामेश्वरम द्वीप को देश की मुख्य भूमि से जोड़ने वाले भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल का उद्घाटन करेंगे। इससे राम सेतु जाना भी काफी सुविधाजनक हो जाएगा। आधुनिक टेक्नॉलजी से बना ये पुल रामेश्वर द्वीप की दूरी को आधे घंटे से घटाकर पांच मिनट पर ले आएगा।
रामनवमी पर खुलेगा पंबन पुल
रामनवमी पर राम सेतु का रास्ता और आसान हो जाएगा। 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंबन ब्रिज के उद्घाटन के लिए तमिलनाडु के रामेश्वरम जाएंगे। वहां वो रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा के लिए भी जाएंगे। साल 2022 में पुराने कैंटिलीवर सिस्टम पर आधारित पंबन ब्रिज को जर्जर हालत के चलते बंद कर दिया गया था। 2019 में इस ब्रिज की आधारशिला रखी गई थी, जो अब यह बनकर तैयार हो चुका है। यह भारत का ही नहीं एशिया का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है। रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने इसे 535 करोड़ रुपये की लागत से बनाया है।
22 मीटर का है लिफ्ट स्पैन
लगभग 2 किलोमीटर लंबे इस वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज का लिफ्ट स्पैन 22 मीटर का है, यानी इसे 22 मीटर की ऊंचाई तक उठाया जा सकता है। ये पुराने कैंटिलीवर सिस्टम वाले ब्रिज से कहीं बेहतर और आधुनिक मानी जा रही है। यह डिजाइन समुद्री जहाजों को पुल के नीचे से गुजारने में सुविधा देगा। इससे पाक जलडमरूमध्य (Palk Strait) में जहाजों के आवागमन में आसानी होगी।
पांच मिनट में उठ जाएगा पुल
जहां पुराना पुल बीच से खुलकर ऊपर की ओर उठता था, वहीं ये वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज सीधे ऊपर उठ जाएगा। पुल लिफ्ट के बाद इसके नीचे से जहाज आसानी से गुजर सकेंगे। इसकी तकनीक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम पर काम करती है, जो केवल पांच मिनट में ही पुल को जहाजों के लिए खोल देंगी। इसका सबसे बड़ा फायदा रेल यात्रा को मिलेगा, जो पुल के खुलने से बाधित होती है। हालांकि, इस पुल के साथ एक चुनौती ये है कि जब समुद्री हवा की गति 58 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे ज्यादा होगी, तो पुल को उठाने वाला सिस्टम काम नहीं करेगा। आमतौर पर ऐसा अक्टूबर और फरवरी महीने के बीच होता है।
मंडपम से रामेश्वरम जाना हुआ आसान
साल 1914 में अंग्रेजों के बनाया ये रेलवे का पंबन पुल, पहले मंडपम (मुख्य भूमि) से रामेश्वरम द्वीप को जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता था। बाद में, साल 1988 में इसके बगल में एक सड़क पुल बना। 2022 में पंबन पुल बंद हो जाने के बाद यही सड़क पुल मंडपम से रामेश्वरम को जोड़ने का इकलौता साधन बचा था। ऐसे में नए पंबन ब्रिज को बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। यह क्षेत्र में परिवहन, व्यापार और पर्यटन को बेहतर बनाएगा और साथ ही एक सुरक्षित, बेहतर और टिकाऊ रेल यात्रा का जरिया भी बनेगा।
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