Hardoi Flood Video: तबाही मचा रही बाढ़, सैकड़ों गांव में भरा पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त

हरदोई में गर्रा नदी में बाढ़ आने से 100 से अधिक गांवों में पानी भर गया है। एसडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। लेकिन अभी भी 10 हजार से अधिक आबादी बाढ़ में फंसी है।

हरदोई में बाढ़

मुख्य बातें
  • गर्रा नदी में बाढ़ से सैकड़ों गांव में पानी
  • 50 फीट सड़क कटने से आवाजाही प्रभावित
  • SDRF टीम राहत बचाव कार्य में जुटी


Hardoi Flood: हरदोई में बाढ़ का कहर तबाही मचा रहा है। यहां गर्रा नदी में आई बाढ़ ने सैकड़ों गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। हजारों की आबादी इन गांवों में फंसी हुई है। SDRF की टीम मौके पर पहुंचकर राहत बचाव कार्य में जुटी हुई है। वहीं शाहाबाद-पाली स्टेट हाईवे पर कटाव के कारण पचास फीट पानी में बह गई है। जिससे दोनों तरफ आवागमन पूरी तरह बंद है। इस बीच लोग प्रशासन को लेकर लोगों में नाराजगी भरी हुई है। बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की है।

100 से अधिक गांव में भरा पानी

पीलीभीत के दियूनी बैराज में पानी छोड़े जाने के बाद गर्रा नदी उफान पर हैं। जिससे सवायजपुर और शाहाबाद क्षेत्र के 100 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन गांवों में कमर से ऊपर पानी भर गया है। बाढ़ की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। बाढ़ ग्रस्त गांवों में लोगों अपने साथ-साथ जानवरों के लिए भी रहने और खाने-पीने का प्रबंध करना मुश्किल हो गया है। कुछ लोग घर की छत पर सो रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग पानी में रहने और जानवर बांधने को मजबूर हैं। SDRF की टीम बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रही है। लेकिन अभी भी करीब 10 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ ग्रस्त इलाकों में फंसी हुई है।

कई लोगों को नहीं मिली राहत सामग्री

आदमपुर गांव में शाहाबाद पाली मार्ग पर पुलिया कटने की वजह से करीब 50 फीट सड़क पानी में बह गई है। जिसके कारण अब बाढ़ का पानी सदर तहसील की ओर आ रहा है और यहां के तमाम गांव में भी पानी भर गया है। मौके पर प्रशासनिक अमला राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। प्रशासनिक महकमा बाढ़ पीड़ितों को राशन और भोजन के पैकेट भेजने का दावा कर रहे हैं। लेकिन यह ग्रामीणों के लिए ज्यादा मददगार साबित नहीं हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक अफसरों ने कुछ स्थानों पर ही राहत सामग्री बंटवाई है। इन ग्रामीणों के अनुसार अभी तक उनके पास कोई राहत सामग्री नहीं पहुंची है। बाढ़ के हालातों के बीच उनका जीना मुश्किल हो गया है। बाढ़ में फंसे होने के कारण जानवरों की हालत भी दयनीय हो गई है।
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