गुजरात में वन अधिकारी को घूस लेना पड़ा महंगा, रंगे हाथ गिरफ्तार; सलाखों के पीछे पहुंचे

गुजरात के अमरेली में वन अधिकारी और एक अन्य को दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। ये ठेकेदार से काम करवाने के नाम पर रिश्वत ले रहे थे। तभी एसीबी ने रंगे हाथ पकड़ लिया। अब आगे की कार्रवाई की जा रही है।

सांकेतिक फोटो।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुजरात के अमरेली जिले में एक रेंज वन अधिकारी (आरएफओ) और एक अन्य व्यक्ति को एक ठेकेदार से कथित रूप से दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। एसीबी ने बताया कि ठेकेदार ने राजुला में वन विभाग में किसी निर्माण कार्य के वार्षिक अनुबंध के लिए सुरक्षा के रूप में जमा कराए गए पांच लाख रुपये की राशि जारी कराने के लिए आरएफओ योगराजसिंह राठौड़ को पूर्व में 90,000 रुपये की रिश्वत दी थी।

काम के बदले रिश्वत की डिमांड

बताया गया कि अनुबंध कार्य पूरा होने के बाद शिकायतकर्ता (ठेकेदार) ने राठौड़ से जमा राशि जारी करने को कहा। आरएफओ ने शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी, जिसमें वार्षिक अनुबंध के तहत किए गए काम के लिए कमीशन का एक हिस्सा शामिल था।

रंगे हाथ गिरफ्तार

भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने कहा कि 90,000 रुपये का भुगतान किए जाने के बावजूद वन अधिकारी रिश्वत की रकम देने के लिए दबाव बनाता रहा जिसके बाद ठेकेदार ने एसीबी से संपर्क किया क्योंकि वह उसे यह रकम नहीं देना चाहता था। विज्ञप्ति में कहा गया कि एसीबी ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया और राठौड़ एवं उसके कार्यालय में संविदा पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर विस्मय राजगुरु को शनिवार को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।

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