महादेवी वर्मा, रविंद्र नाथ टैगोर और ऑरोबिंदो एक साथ मिलते हैं यहां, फलों का कटोरा है ये कस्बा

महादेवी वर्मा, रविंद्रनाथ टैगोर और श्री ऑरोबिंदो का कालखंड अलग-अलग रहा है। लेकिन इन तीनों को एक जगह जोड़ती है और वह है रामगढ़। रामगढ़ इन तीनों को ही इतना भाया कि उन्होंने इसे अपनी सृजन स्थली बना लिया। रामगढ़ फलों का कटोरा कहलाता है। यहां की खूबसूरती मन हर लेती है।

Ramgarh

रामगढ़ की खूबसूरती मन मोह लेगी

रामगढ़ नाम सुनते ही आपको याद आती होगी फिल्म शोले... साथ ही याद आते होंगे जय-वीरू और गब्बर सिंह। जी हां 1975 में आई रमेश सिप्पी की फिल्म शोले ने रामगढ़ की कुछ ऐसी ही तस्वीर हमारी पीढ़ियों के दिमाग में खींच दी है। लेकिन हम आपको आज एक ऐसे रामगढ़ के बारे में बता रहे हैं, जिसे हिडेन ज्वेल कहा जाता है। इस रामगढ़ को फलों का टोकरा भी कहा जाता है। देखने में इतना खूबसूरत की शरीर भले कहीं भी चला जाए, मन रामगढ़ में ही अटका रह जाता है। तो फिर देर किस बात की चलतें हैं रामगढ़ की सैर पर।

कहां है रामगढ़

रामगढ़ उत्तराखंड के नैनीताल जिले में है। यह खूबसूरत पहाड़ी कस्बा काठगोदाम रेलवे स्टेशन से सिर्फ 45 किमी की दूरी पर है। अगर आप हवाई जहाज से आना चाहते हैं तो पंतनगर एयरपोर्ट यहां से 76 किमी दूर है, जहां से गाड़ियां और टैक्सी आपको आसानी से मिल जाएंगी। बता दें कि एक समय रामगढ़ अंग्रेज आर्मी की कैंट एरिया था।

क्यों मशहूर है और कब जाएं रामगढ़

रामगढ़ को हिडन ज्वेल कहा जाता है। इसे फलों का टोकरा या फ्रूट बेल्ट ऑफ कुमाऊं भी कहते हैं। यहां पर सेब, आडू, नाशपाती, कीवी, अखरोट, माल्टा, प्लम जैसे कई फल प्रचुर मात्रा में होते हैं। रामगढ़ जाने के लिए कोई खास मौसम नहीं है, आप हर मौसम में यहां जा सकते हैं और हर मौसम में यह आपको पहले से ज्यादा खूबसूरत नजर आएगा। सर्दियों में यहां 3 फीट तक बर्फ गिरती है, जबकि गर्मियों में यहां का ठंडा मौसम आपको शहरों की चिलचिलाती गर्मी से राहत देता है। इसके अलावा मानसून के मौसम में यहां की हरियाली आपका दिल हर लेगी।

यहां के नजारे दिल लूट लेंगे

रामगढ़ के बारे में बता दें कि यह दो हिस्सों में बंटा है। मल्ला यानी ऊपरी रामगढ़ और तल्ला यानी निचला रामगढ़। रामगढ़ समुद्रतल से 1729 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। शहरों की भीड़भाड़ और शोर शराबे से दूर यह कस्बा बहुत ही सुकून देता है। यहां से हिमालय का बहुत ही खूबसूरत नजारा दिखता है, जिसे आप कभी भी अपने दिल से निकाल ही नहीं पाएंगे।

चलिए अब घूमने हैं रामगढ़ के गली कूचे

रामगढ़ घूमने निकले हैं तो सबसे पहले आपको श्री ऑरोबिंदो के बसाए आश्रम में जरूर जाना चाहिए। यहां उनका बसाया मधुबन आश्रम है, जहां पर स्थानीय लोगों को कई तरह की आजीविका ट्रेनिंग भी दी जाती है। यह जगह मशहूर कवयित्री महादेवी वर्मा की सृजनपीठ भी है। रामगढ़ आएं तो यहां पर महादेवी वर्मा के नाम से बनी लाइब्रेरी में जरूर जाएं... यहां पर उनका साहित्य तो है ही। महादेवी वर्मा से जुड़ी कई चीजें भी देख सकते हैं। यहां उनके बर्तन आदि भी देख सकते हैं, कुल मिलाकर यह एक झरोखा है, जिससे आप इतिहास में झांक सकते हैं। यहां पर कुमाऊं यूनिवर्सिटी का एक कॉलेज भी है, जिसका नामकरण महादेवी वर्मा के नाम महादेवी वर्मा सृजन पीठ रखा गया है।

टैगोर टॉप

गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की रचनाएं आप पसंद करते हैं तो आपको उनकी पसंद भी पसंद आएगी। उस दौर में जब रामगढ़ में आने-जाने की बहुत सुविधाएं नहीं थीं, तब गुरुदेव मल्ला रामगढ़ आए थे। यहां मल्ला रामगढ़ के ऊपर जंगल में उनका घर है। वह जहां रहे थे, उस जगह को आज टैगोर टॉप के नाम से जाना जाता है। यहीं पर अब विश्व भारती सेंट्रल यूनिवर्सिटी बन रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साल 2022 में इस विश्वविद्यालय की नींव रखी थी। यहां के कैंपस का नाम गीतांजली कैंपस रखा गया है।

तुझसे नाराज नहीं जिंदगी, हैरान हूं मैं

रामगढ़ की बात करते-करते, अचानक ये फिल्म मासूम का गाना क्यों? आप भी यही सोच रहे हैं ना? वो इसलिए क्योंकि रामगढ़ के अंदर ही एक बहुत खूबसूरत दूसरी जगह है, जहां पर फिल्म मासूम के इस गाने की शूटिंग हुई थी। इस जगह का नाम है गागर। गागर, रामगढ़ का सबसे ऊंचा स्थान है, जहां तक सड़क है। यहां से हिमालय का बहुत ही शानदान व्यू नजर आता है। यहां पर गागर महादेव का मंदिर भी है, जहां दर्शन करके आप भोले बाबा का आशीर्वाद ले सकते हैं। इसके अलावा बता दें कि यही वो जगह है जहां पर रामगढ़ में सबसे ज्यादा बर्फ गिरती है। सर्दियों में यहां पर कई बार बर्फ की तीन फीट ऊंची परत जम जाती है।

गागर से भी ऊंचाई पर माता का दरबार

गागर के बारे में हमने बताया कि यह रामगढ़ की सबसे ऊंची जगह है, जहां तक सड़क जाती है। आप इससे भी ऊपर जाकर पूरे रामगढ़, घाटी और हिमालय का 360 डिग्री व्यू लेना चाहते हैं तो गागर से ही करीब दो-ढाई किलोमीटर की ट्रैकिंग करके आप वनदेवी मंदिर जाकर मां का आशीर्वाद ले सकते हैं। रामगढ़ में आपको कई तरह के पक्षी देखने को मिलेंगे, जिनके बारे में हो सकता है आपने शहरों में सुना भी नहीं होगा। हर साल यहां विदेशों से भी कई पक्षी आते हैं। रामगढ़ मार्केट के अलावा आप पुराना बंगला, नीमराना भी घूम सकते हैं।
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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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