Chhath Puja 2023: मुंगेर में सभी घाटों का रोजाना हो रहा निरीक्षण, यहीं से हुई थी छठ पूजा की शुरुआत
Chhath Puja 2023: मुंगेर के सभी 12 घाटों पर छठ पूजा की तैयारी की गई है। यहां जेसीबी से साफ-सफाई की गई और रोजाना घाटों का निरीक्षण किया जा रहा है।
मुंगेर के घाटों पर छठ पूजा की तैयारी (फोटो साभार- ट्विटर)
Chhath Puja 2023: छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर से नहाय खाय के साथ हो चुकी है। इस दिन विवाहित महिलाएं स्नान के बाद कद्दू भात खाती है। छठ पूजा का इतिहास मुंगेर से जुड़ा हुआ है, इसलिए यहां पर इस त्योहार की रौनक अलग ही नजर आती है। मुंगेर में छठ पर्व की तैयारी दीपावली के बाद से ही शुरू हो गई थी। यहां के घाटों पर साफ-सफाई के साथ ही गंगा घाट जाने के रास्ते को दुरुस्त किया गया है। यहां पर जेसीबी की मदद से घाटों की सफाई की गई है। इसके अलावा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन द्वारा रोजाना घाटों का निरीक्षण किया जा रहा है।
सभी घाटों पर छठ पूजा की तैयारी
मुंगेर के भेलवा घाट, कंकड़ घाट, टिकारमपुरस मोहली, शंकरपुर, जहाज घाट, हेरूदियारा, कष्टहरणी घाट, बबुआ घाट समेत शहर के सभी 12 घाटों पर छठ पूजा को लेकर तैयारियां की गई हैं। इन घाटों का निरीक्षण करने के बाद यहां पर साफ-सफाई और बुनियादी सुविधाओं समेत सारी तैयारियां शुरू की गईं। मोहाली और टिकारमपुर घाट पर गंगा की धार से कटाव हो रहा था, जिसे रोकने के लिए बांस की मजबूत बैरिकेडिंग की गई है। जिन घाटों पर छठ पूजा करना खतरनाक है वहां के लोगों को सुरक्षित घाटों पर जाने के लिए कहा गया है।
मुंगेर से शुरू हुई छठ पूजा
चार दिवसीय इस महापर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और छठी तिथि तक इसे मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 17 नवंबर से शुरू हुआ है। छठ पर्व मनाने की शुरुआत बिहार के मुंगेर जिले से ही हुई है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सीता ने छठ का व्रत रखकर मुंगेर के बबुआ घाट पर ही पूजा की थी। माता सीता ने वनवास के दौरान ही छठ का व्रत रखा था। इसी के बाद से छठ पूजा का पर्व मनाना शुरू हुआ।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | शहर (cities News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
Pooja Kumari author
पूजा सितंबर 2023 से Timesnowhindi.com से जुड़ी हुई हैं। यहां बतौर कॉपी एडिटर सिटी न्यूज, मेट्रो- रेल...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited