Ghaziabad News: 9 वीं पास ने अपनाया ठगी का नायाब तरीका, इतने दिन में बन बैठा करोड़ों का मालिक

गाजियाबाद में एक 9 वीं पास ठग ने इंस्टाग्राम पर ट्रस्ट मी और ट्रस्टीज नाम से पेज बनाकर लोगों को करोड़ो रुपये का चूना लगाया है। साइबर सेल ने गिरोह के सरगना समेत 5 को गिरफ्तार किया है।

इंस्टाग्राम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी

गाजियाबाद: आजकल ठगी के नए-नए आइडिया अपना कर शातिर लोगों को चूना लगा रहे हैं। खासकर, ऑनलाइन फ्रॉड के मामले ज्यादातर सामने आ रहे हैं। इसी तरह का ताजा मामला गाजियाबाद से सामने आया है। यहां एक साइबर ठग ने सोशल मीडिया प्लटेफार्म इंस्टाग्राम पर पेज बना कर सस्ते मोबाइल बेचने के विज्ञापन डालकर लोगों को झांसे में लेकर करोड़ों की ठगी की है। ठगी करने वाले एक किशोर समेत पांच ठगों को साइबर सेल और नंदग्राम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये ठगी का धंधा नंदग्राम क्षेत्र के एक होटल में चल रहा था। शातिर मोहित 9 वीं पास है जो गिरोह चला रहा था। पिछले 1 महीने से वो एक होटल में कमरा किराए पर लेकर साथियों संग ठगी को अंजाम दे रहा था। शातिर ठिकाने बदलकर पिछले 2 साल से ठगी कर रहा था। उसने अब तक हजारों लोगों को जाल में फंसाकर करोड़ो रुपये का चूना लगा चुका है।

छोटी रकम मांगते थे आरोपी

डीएसपी अपराध सच्चिदानंद के मुताबिक, पकड़े गए शातिर दिल्ली के सिद्धार्थ नगर निवासी मोहित सिंह, नंदग्राम निवासी तरुण, दिव्यांश तेजस सोनी और एक किशोर है। तरुण मूल रूप से नेपाल के काठमांडू का रहने वाला है। दिव्यांश बिजनौर के जटनगला गांव का रहने वाला है। इनके पास पांच मोबाइल और 1250 रुपये बरामद हुए हैं। उन्होंने कहा कि आरोपियों की जानकारी निकलवाई जा रही है। ये सभी आपस में ठगी की रकम बराबर बांट लेते हैं। पुलिस से बचने के लिए पास ये 10 हजार रुपये तक की ठगी करते हैं। वहीं, छोटी रकम के लिए पीड़ित न तो शिकायत करते हैं और कई बार शिकायत करते भी हैं तो मामले में पैरवी नहीं करते। गिरोह में और भी लोगों के शामिल होने की आशंका है।

ऐसे लगाते थे चूना

डीएसपी ने बताया कि मोहित ने इंस्टाग्राम पर ट्रस्ट मी और ट्रस्टीज नाम से पेज बना रखे हैं। जिन पर यह लाखों की कीमत के नए व पुराने मोबाइल सस्ते दामों पर बेचने के विज्ञापन डालते हैं। जो मोबाइल खरीदने के लिए इनके पास मैसेज करता है तो गिरोह का एक सदस्य से ग्राहक से बातचीत करके सारे नियम शर्ते बताकर वाट्सऐप ( whatsapp) पर मोबाइल बिल भेजता है। इसके बाद 50 से 100 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क लेकर मोबाइल की कीमत में से कुछ रुपये का भुकतान यानी करीब पांच या 10 हजार रुपये बारकोड के जरिए ऑनलाइन ले लेते हैं। बाद में ग्राहक के मोबाइल नंबर को ब्लैक लिस्ट में डालकर उनसे संपर्क खत्म कर देते हैं।

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