गाजियाबाद के वसुंधरा में बन सकता है 'AIIMS', इन सेक्टरों में तलाशी जा रही जमीन
दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर के वसुंधरा इलाके में AIIMS का सेटेलाइट सेंटर खुल सकता है। इस सेटेलाइट सेंटर के खुल जाने से न सिर्फ गाजियाबाद और उत्तर प्रदेश के मरीजों को बल्कि पूर्वी दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मरीजों को भी लाभ मिलेगा। इससे दिल्ली के AIIMS पर भी दबाव कम होगा।
दिल्ली के एम्स की फाइल फोटो
देश का सबसे बड़ा अस्पताल आज भी बिना किसी शक के दिल्ली में मौजूद एम्स (AIIMS) ही है। हर राज्य और शहर चाहता है कि वहां भी एम्स जैसा अस्पताल हो, ताकि लोगों को सही समय पर उचित इलाज मिल सके। पिछले कुछ वर्षों में देश के कई शहरों में एम्स बने भी हैं, जहां पर मरीजों को उच्च स्तर का इलाज मिल रहा है। एम्स जैसी सुविधाएं ज्यादातर शहरों में नहीं मिल पाती हैं, इसी लिए सभी लोग दिल्ली में एम्स का रुख करते हैं। दिल्ली के एम्स पर मरीजों का दबाव इतना ज्यादा है कि छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी लोगों को महीनों इंतजार करना पड़ता है। लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी दिल्ली के लोगों के लिए गाजियाबाद के वसुंधरा में बनने वाला एम्स का सेटेलाइट सेंटर काफी उपयोगी साबित हो सकता है।
क्या वसुंधरा में एम्स बनेगा?
अगर आपके मन में भी यही प्रश्न चल रहा है तो आपको निराश होना पड़ेगा। वसुंधरा में एम्स अस्पताल नहीं बनेगा, बल्कि एक सेटेलाइट सेंटर खुलेगा। किसी भी अस्पताल का सेटेलाइट सेंटर, एक पूरा अस्पताल नहीं होता। बल्कि यह एक छोटा केंद्र होता है, जो मुख्य अस्पताल के कुछ दूरी पर बनाया जाता है, ताकि मुख्य अस्पताल की भीड़भाड़ को नियंत्रित किया जा सके। सेटेलाइट सेंटर अलग-अलग शहरों और राज्यों में हो सकते हैं। सेटेलाइट सेंटर में उन समस्याओं की पहचान और इलाज हो सकता है, जिनके लिए बड़े अस्पताल में जाने या बड़ी सर्जरी आदि की जरूरत न हो।
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एम्स सेटेलाइट सेंटर के लिए यहां देख जा रही जमीन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल ही गाजियाबाद में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही सेटेलाइट सेंटर बनाने के लिए लगातार जमीन की तलाश की जा रही है। एम्स प्रबंधन की टीम ने गाजियाबाद में सबसे पहले वसुंधरा में नमो भारत ट्रेन स्टेशन के पास सेक्टर 7 और 8 की खाली जमीन का मुआयना किया। इसके बाद सिद्धार्थ विहार आवासीय योजना के साथ ही मंडोला विहार में भी जमीन की तलाश की गई।
वसुंधरा में क्यों एम्स का सेटेलाइट सेंटर
दिल्ली के पास होने के साथ ही नमो भारत ट्रेन का साहिबाबाद स्टेशन इसके पास में है। नमो भारत ट्रेन चलने के बाद मेरठ से यहां पहुंचना आसान है, लिहाजा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मरीजों को यहां पहुंचने में दिक्कत नहीं होगी। मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के मरीजों के लिए यह लोकेशन बहुत उपयोगी साबित हो सकती है।
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उम्मीदें आसमान पर
गाजियाबाद के वसुंधरा में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनने से क्षेत्र के मरीजों को दिल्ली में एम्स तक की लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी और प्राइवेट अस्पतालों के जाल में फंसने से भी बच जाएंगे। आवास एवं विकास परिषद के अधिकारियों के अनुसार एम्स प्रबंधन के अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं भेजी है। लेकिन उनकी तरफ से वसुंधरा की जमीन पर एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनाए जाने की इच्छा जाहिर की जा रही है।
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