बिभर्ते की खास पहल, झुग्गियों में रहने वाले बच्चों की संवर रही है जिंदगी
कहते हैं कि अगर कोशिश की जाए तो नतीजे आते ही हैं। गरीबी रेखा से रहने वाले परिवारों के लिए तमाम सरकारी योजनाओं के बीच बिभर्त नाम की एनजीओ ने जो पहल की है उसकी खास चर्चा हो रही है।
बिभर्ते एनजीओ की खास पहल
बिभर्ते एनजीओ अपने बिभर्ते पाठशाला के माध्यम से झुग्गियोमें रहने वाले गरीबी रेखा से नीचे के बच्चों का भविष्य को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है,और उसी प्रयास के तहत श्री गगन जैन और उनकी पत्नी की मदद से पाठशाला के करीब 80 बच्चों को स्कूल ड्रेस का वितरण किया गया।बिभर्ते एनजीओ लगतार 5 साल से समाज के सबसे निचले तबके को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है और आगे भी करती रहेगी।बिभर्ते एनजीओ के संस्थापक श्री मोहन सिंह ने बताया कि एनजीओ शिक्षा के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण पर भी लगातार काम कर रही है।
महिला सशक्तिकरण पर खास जोर
बिभर्ते एनजीओ अपने नारी रक्षार्थ मुहिम के तहत अगले 5 सालों में समाज के अलग अलग वर्ग, झुग्गियो व गांवों के लगभाग 200000 लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देने वाली है और अभी तक लगभाई 10000 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चूका है।बिभर्ते एनजीओ गुड टच, बैड टच और Posco Act जागरूकता पर भी काम कर रही है। वसुन्धरा गाजियाबाद स्थित बिभर्ते पाठशाला में एनजीओ के सदस्य, अनुपम कुमारी, शीतल रस्तोगी, प्रीति सिंह, सुनीता सक्सेना, सचिन केशरी, बंदिता जी और प्रियंका स्कूल ड्रेस वितरण में शामिल हुई।बिभर्ते एनजीओ पाठशाला में झुग्गियों के बच्चों को बेसिक शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, कंप्यूटर शिक्षा, संगीत शिक्षा ,संस्कृत शिक्षा ,आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जाता है, और साथ साथ उनका हर महीने बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से स्वास्थ्य जांच भी कराया जाता है
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