Ghaziabad: रैपिड रेल प्रोजेक्‍ट में दो माह की देरी, अब इस माह से ट्रेन संचालन का दावा

Ghaziabad: रैपिड रेल के सफर के लिए इंतजार लंबा होता जा रहा है। रैपिड रेल के प्राथमिक खंड पर साहिबाबाद से दुहाई के बीच ट्रेन अब मार्च की जगह मई या जून से शुरू दौड़ सकती है। इसका कारण स्‍टेशनों के निर्माण कार्य में देरी है। अभी तक कई स्‍टेशनों पर निर्माण कार्य के साथ यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा से जुड़े कार्य भी अधूरे हैं।

Rapid Rail

रैपिड रेल के गाजियाबाद स्‍टेशन पर चल रहा निर्माण कार्य

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • प्राथमिक खंड पर अब मई-जून से रैपिड रेल संचालन की संभावना
  • गाजियाबाद और दुहाई स्‍टेशन का निर्माण कार्य 30 से 40 फीसदी अधुरा
  • एनओसी के लिए एनसीआरटीसी की कागजी कार्रवाई भी अभी अधूरा

Ghaziabad: रैपिड रेल के सफर करने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए बुरी खबर है। रैपिड रेल के प्राथमिक खंड पर साहिबाबाद से दुहाई के बीच ट्रेन मार्च से नहीं दौड़ेगी। इस 17 किमी लंबे खंड पर रैपिड ट्रेन के संचालन की संभावना अब जून 2023 से बन रही है। हालांकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन, निर्माण कार्यों में लगातार हो रही देरी के कारण एनसीआरटीसी के अधिकारी भी मान रहे हैं कि, मार्च, अप्रैल तक रैपिड रेल के चलने की संभावना नहीं है। अब प्राथमिकता खंड पर रैपिड ट्रेन को मई या जून तक चलाने का लक्ष्‍य रखा गया है।

एनसीआरटीसी अधिकारियों ने बताया कि, प्राथमिक खंड पर रैपिड रेल का संचालन मार्च के अंत शुरू करने का प्रयास अभी भी जारी है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देख कर अब इसकी संभावना न के बराबर है। इसमें सबसे बड़ी रूकावट स्‍टेशनों का निर्माण समय पर पूरा न होना है। ट्रैक पर रैपिड ट्रेनों का ट्रायल रन तो अपने तय समय के अनुसार चल रहा है, लेकिन स्टेशनों का निर्माण अभी भी अधूरा है। अधिकारियों के अनुसार, सबसे ज्‍यादा देरी गाजियाबाद और दुहाई स्टेशन पर हो रहा है। इन स्‍टेशनों का निर्माण कार्य 30 से 40 फीसदी तक अधूरा है। इसके पूरा होने में कम से कम दो माह का समय लगेगा। वहीं, साहिबाबाद स्टेशन का निर्माण कार्य भी अभी10 प्रतिशत तक अधूरा है। इसके अलावा यात्रियों के सुरक्षा और सुविधाओं से जुड़े कार्य अभी कई स्‍टेशनों पर शुरू तक नहीं हुआ है।

कागजी कार्रवाई में भी लगेगा समय एनसीआरटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि, ट्रैक पर सवारियों के साथ ट्रेन का परिचालन शुरू करने से पहले 80 से 90 स्तरों पर एनओसी लेनी पड़ती है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की मंजूरी है। इस मंजूरी के लिए आवेदन करने के बाद सीएमआरएस पूरी जांच कर अपनी सहमति देता है। इस पूरे प्रक्रिया में लंबा समय लग जाता है। एनसीआरटीसी द्वारा अभी इन कागजी कार्रवाई को शुरू तक नहीं किया गया है। जिसकी वजह से देरी होने की संभावना बढ़ रही है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि अगर प्राथमिकता खंड पर रैपिड ट्रेन मार्च या अप्रैल तक नहीं चल पाती है, तब भी मई माह तक इसे चलाने की कोशिश की जाएगी।

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