Delhi-Meerut Rapid Rail: दिल्ली से मेरठ 55 मिनट में, जानें- कितनी होगी ट्रेन की स्पीड और कितने स्टेशन से गुजरेगी?

Rapid Rail: रैपिड रेल के साहिबाबाद से दुहाई तक पहले खंड पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हाईस्पीड टेस्टिंग ट्रायल चल रहा है। दूसरी तरफ दुहाई से मेरठ दक्षिण तक अक्टूबर 2023 में शुरू होने वाले दूसरे खंड के निर्माण कार्य ने भी रफ्तार पकड़ ली है। दुहाई से मेरठ दक्षिण तक के हिस्से की लंबाई करीब 24 किलोमीटर है, अब तक 17 किलोमीटर एलिवेटेड ट्रैक (वायडक्ट) बनकर तैयार हो गया है।

रैपिड रेल का साहिबाबाद से दुहाई के बीच ट्रायल सफल

मुख्य बातें
  • दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का साहिबाबाद से दुहाई के बीच ट्रायल सफल
  • दूसरे खंड में निर्माण कार्य तेज, 24 में से 17 किलोमीटर एलिवेटेड ट्रैक तैयार
  • मार्च से कर सकेंगे रैपिड रेल में सफर, आठ लाख यात्रियों को होगा फायदा

Rapid Rail Project: देश की राजधानी दिल्ली से मेरठ को जोड़ने वाली रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के साहिबाबाद से दुहाई के बीच पहले कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो गया है। 17 किमी के कॉरिडोर को इसी वर्ष मार्च में खोल दिया जाएगा। रैपिड रेल के साहिबाबाद से दुहाई तक प्राथमिकता खंड में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हाईस्पीड टेस्टिंग ट्रायल चल रहा है। इस दौरान ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ी, इसके साथ ही यह ट्रेन देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन बन गई। दूसरी तरफ दुहाई से मेरठ दक्षिण तक अक्तूबर 2023 में शुरू होने वाले दूसरे खंड के निर्माण ने भी रफ्तार पकड़ ली है। दुहाई से मेरठ दक्षिण तक के हिस्से की लंबाई करीब 24 किलोमीटर है। अब तक 17 किलोमीटर एलिवेटेड ट्रैक (वायडक्ट) बनकर तैयार हो गया है।

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आपको बता दें कि दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर की दूरी कवर करने लिए रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम पर काम चल रहा है, यह 2025 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। वहीं नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने दुहाई से मेरठ के शताब्दीनगर तक कुल 1100 पिलर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है।

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मोदीनगर उत्तर में रखा जाएगा 450 टन वजन का स्टील स्पैनउधर, मोदीनगर उत्तर रैपिड स्टेशन के पास रखे जाने वाला स्टील के स्पैन की तेजी से तैयारियां की जा रही हैं। मोदीनगर उत्तर स्टेशन से मेरठ की दिशा में कादराबाद नाले पर बन रहा विशेष गर्डर स्टील स्पैन 20 मीटर ज्यादा 54 मीटर लंबा होगा। इसका वजन 450 टन होगा। स्टील स्पैन को जमीन से 14 मीटर की ऊंचाई पर रखा जाएगा। यह गर्डर 50 मीटर चौड़े नाले पर बन रहा है। इसके लिए विशेष पिलर का निर्माण कार्य तकरीबन पूरा हो चुका है।

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