Shiva Temple in Ghaziabad: सुराना का यह पौराणिक शिव मंदिर आस्था और आकर्षण का केंद्र, मिलती है सरकारी नौकरी

Shiva Temple in Ghaziabad: गाजियाबाद में हिंडन नदी के तट पर स्थित पौराणिक धूमेश्वर शिव मंदिर लाखों शिव भक्‍तों के आस्‍था का केंद्र है। मान्‍यता है कि इस मंदिर में शिवलिंग की स्‍थापना भगवान परशुराम ने किया था। कहा जाता है कि यहां पर जलाभिषेक से नौकरी पक्‍की हो जाती है। मोहम्मद गोरी ने रक्षाबंधन के दिन इस मंदिर और गांव में जमकर लूटपाट की थी।

Shiva Temple in Ghaziabad

धूमेश्वर महादेव शिव मंदिर

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • हिंडन नदी के तट पर मौजूद है यह पौराणिक शिव मंदिर
  • मान्‍यता है कि भगवान परशुराम ने यहां स्‍थापित किया था शिवलिंग
  • मोहम्मद गोरी ने रक्षाबंधन के दिन लूटा था यह मंदिर और गांव

Shiva Temple in Ghaziabad: गाजियाबाद में हिंडन नदी के तट पर स्थित पौराणिक धूमेश्वर शिव मंदिर लाखों शिव भक्‍तों के आस्‍था का केंद्र है। सैकड़ों वर्ष पुराने इस मंदिर के बारे में बहुत कम ऐतिहासिक प्रमाण मौजूद हैं। मान्‍यता है कि यह मंदिर बागपत जिले के पुरामहादेव मंदिर के समकालीन है। मुरादनगर के पश्चिम में सुराना गांव के पास यह प्राचीन धूमेश्वर महादेव शिव मंदिर जहां पर स्थित है, वह पूरा इलाका पहले कजरी वन के नाम से विख्यात था। यहीं पर भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ऋषि यहीं पर आश्रम में रहकर तपस्या करते थे। कहा जाता है कि भगवान परशुराम ने ही यहां पर शिवलिंग की स्‍थापना की थी। चैत्र शुक्ला सप्तमी, बुधवार संवत 1927 को यहां पर विशाल मंदिर बनवाया गया। करीब ढाई एकड़ में फैले इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 110 फुट है।

मंदिर का इतिहास पौराणिक मंदिर से जुड़ी किंवदंतियों के अनुसार इस प्राचीन मंदिर का नाम धूमेश्वर महादेव शिव मंदिर इसलिए रखा गया, क्‍योंकि मंदिर के पीछे जो हिंडन नदी बहती है, उसमें ही भगवान परशुराम ने पुरा महादेव से बहते हुए शिवलिंग को लाकर इस मंदिर में स्‍थापित किया था। गांव का नाम भी सुराना इस मंदिर के कारण ही पड़ा है। मान्‍यताओं के अनुसार ‘सुर’ का मतलब ‘देवता’ होता है और यहां पर श्रावण मास में भगवान शिव की अराधना करने के लिए देवी-देवताओं का आना-जाना लगा रहता है। जिसकी वजह से गांव का नाम सुराना पड़ा। मंदिर के प्रबंधक मास्टर भगवत प्रसाद ने बताया कि मोहम्मद गोरी ने रक्षाबंधन के दिन यहां आक्रमण कर पूरे गांव और मंदिर को तबाह कर दिया था। इसलिए गांव में रक्षाबंधन भी नहीं मनाया जाता है।

धूमेश्वर महाराज युवाओं को दिलाते हैं नौकरी, महाशिवरात्रि पर लगता है विशाल मेला धूमेश्वर महाराज युवाओं के चहेते हैं। मंदिर से जुड़ी मान्‍यता है कि जो भी यहां सुबह 4:00 बजे आकर पूजा-अर्चना कर धूमेश्वर भगवान का जलाभिषेक करता है, उसकी नौकरी लगते देर नहीं लगती। यही कारण है कि ज्‍यादातर युवा सरकारी नौकरी के लिए यहां भगवान शिव का जलाभिषेक करने आते हैं। शिव मंदिर के पुजारी पंडित सीता राम शर्मा ने बताया कि हर साल महाशिवरात्रि पर यहां विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें वेस्ट यूपी के जिलों के अलावा राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली से भी हजारों श्रद्धालु आते हैं। महाशिवरात्रि पर यहां देर रात तक भक्‍तों की भीड़ लगी रहती है।

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