Dudheshwar Nath Temple: प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में आज भी जागृत हैं दिव्य शक्तियां, उमड़ती है लाखों की भीड़
Dudheshwar Nath Temple: गाजियाबाद का श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर देश के सबसे प्राचीतम मंदिरों में शामिल है। मान्यता है कि यहीं पर लंकापति रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने कठोर तप कर मंदिर का निर्माण कराया था। उस समय इस मंदिर को हिरण्यगर्भ ज्योतिर्लिंग के तौर पर जाना जाता था। मुगलों ने इसे नष्ट कर दिया था। बाद में हुए एक चमात्कार के बाद इस मंदिर का नाम दूधेश्वरनाथ मंदिर पड़ा। यह एक सिद्धपीठ मंदिर है।
श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर
- रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने यहां किया था कठोर तप
- मुगलों ने मंदिर को कर दिया था पूरी तरह से नष्ट
- दूधेश्वरनाथ शिवलिंग का प्राकट्य 3 नवंबर 1454 का प्रमाण
हालांकि मंदिर के लिखित प्रमाणिक इतिहास के अनुसार दूधेश्वरनाथ शिवलिंग का प्राकट्य 3 नवंबर 1454 को माना जाता है, लेकिन कई इतिहासकारों ने इसे प्राचीनता और पौराणिकता को सिद्ध किया है। इतिहासकारों के अनुसार, दूधेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना स्वयं लंकापति रावण के पिता विश्रवा मुनि ने की थी। मुगलकाल के दौरान अन्य मंदिरों की तरह इस दूधेश्वरनाथ शिव मंदिर में भी लूटपाट कर इसे नष्ट कर दिया गया। साथ ही मंदिर से जुड़े साक्ष्यों को दबा दिया गया था, ताकि हिन्दू अनुयायी यहां फिर से पूजा न कर सकें। कहा जाता है कि कई वर्षों बाद एक चमत्कार हुआ। कैला नामक गांव की गायें जब यहां चरने आती थीं तो एक टीले के ऊपर उनके स्तनों से दूध खूद-ब-खूद गिरने लगता था। इससे अचंभित गांव वालों ने जब टीले की खुदाई की तो वहां पर शिवलिंग मिला। गायों के दूध से अभिषेक करने की वजह से अब इस प्राचीन शिव मंदिर का नाम दुग्धेश्वरनाथ पड़ा। दूधेश्वरनाथ मंदिर का यह शिवलिंग एक स्वयंभू दिव्य शिवलिंग माना जाता है।
दूधेश्वरनाथ मंदिर में लगभग 550 वर्षों से कायम महंत परम्परादूधेश्वरनाथ मंदिर के साथ बहुत से दैविय चमत्कार, मान्यताओं और एतिहासिक तथ्य जुड़े हैं। यही वजह है कि यह मंदिर लाखों लोगों के आस्था का केंद्र है। दूधेश्वरनाथ मंदिर में लगभग 550 वर्षों से महंत परम्परा कायम है। वर्तमान में यहां महंत नारायण गिरी जी महाराज मंदिर के सोलहवें पीठाधीश हैं। पहले कि सभी पीठाधीशों की समाधियां इस मंदिर के प्रांगण में ही बनी हुई हैं। इतिहासिक तथ्यों के अनुसार वीर छत्रपति शिवाजी महाराज भी इस मंदिर में दर्शन करने आए थे और यहां हवन कुंड और मुख्य द्वार का निर्माण कराया। यह दोनों चीजें आज भी विराजमान है। गाजियाबाद के दिल्ली गेट के सामने जस्सीपुरा मोड़ के पास स्थित इस दूधेश्वरनाथ मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां पर रोजाना हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ती है। महाशिवरात्रि और सावन माह में यहां आने वाले भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है। महाशिवरात्रि पर मंदिर प्रांगण में खास आयोजन होते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | गाजियाबाद (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
Live Aaj Mausam Ka AQI 04 December 2024 (आज की वायु गुणवत्ता): दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने जीना किया हराम, मुंबई में धुंध; जानें क्या आपके शहर का हाल
आज का मौसम, 4 December 2024 IMD Winter Weather Forecast LIVE: तमिलनाडु, पुद्दुचेरी के बाद अब महाराष्ट्र में दिखेगा फेंगल तूफान का असर, जानें अन्य राज्यों में कैसा रहेगा मौसम
Banda Accident: अज्ञात वाहन और ऑटो की जोरदार टक्कर, ड्राइवर समेत तीन लोगों की मौत
Bomb Hoax: अमृतसर-मुंबई एक्सप्रेस में होगा बम विस्फोट, मचा हड़कंप; RPF को मिली ये चीज
खौफनाक! तीन राज्य, छह हत्याएं; गुजरात के वलसाड से सीरियल किलर गिरफ्तार
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited