Temples to Visit in Ghaziabad: गाजियाबाद का वह मंदिर जहां रावण ने अर्पित किया था अपना एक सर, जुड़े हैं कई पौराणिक महत्व
Famous Temple to Visit in Ghaziabad: भारत को प्राचीन काल से ही मंदिरों का देश कहा जाता है जहां आपको अपने आसपास कोई ना कोई प्रसिद्ध मंदिर जरूर दिख जाएगा। यहां हम आपको गाजियाबाद में स्थित उन मंदिरों के बारे में बता रहे हैं जिनका अपने आप में ऐतिहासिक महत्व भी है।
दूधेश्वर महादेव मंदिर की एक तस्वीर (फोटो- ट्विटर-@Shweta__Jaya )
Temples to Visit in Ghaziabad: यदि आप दिल्ली NCR में रहते हैं और नए साल की शुरूआत मंदिरों के दर्शन करने के साथ करना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए हैं। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में ऐसे ही कई मंदिर है जो काफी प्रसिद्ध हैं और इनका अपना ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व भी है। इन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर है दूधेश्वर नाथ मंदिर, जो पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 5 हजार साल पुराना है। यह मंदिर देश के आठ प्रसिद्ध मंदिर मठो मे से एक है। इस मंदिर से कई मान्यताएं जुड़ी हुईं हैं। कहा जाता है कि इस जगह पर प्राचीन काल मे एक टीला हुआ करता था।
ऐतिहासिक महत्व
सावन माह में इस मंदिर में पूजा का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर की स्थापना रावण के पिता विश्वेश्वर ने की थी और लंकापति रावण ने भी यहां पूजा अर्चना की थी और महादेव को प्रसन्न करने के लिए अपना पहला सिर भगवान शिव को अर्पित किया था। मान्यताओं के मुताबिक यहां प्रचीन काल में जो टीला था तो यहां एक गाय आती थी और खुद से उसके थनों से दूध की धार बहने लगती थी। काफी समय बाद लोगों ने टीले की खुदाई करी तो वहां वहां पर शिवलिंग मिला जिसके बाद यहां मंदिर का निर्माण किया गया और दुधेश्वर महादेव के नाम से यह मंदिर फेमस हुआ।
हनुमान मंदिर
नेशनल हाईवे-58 पर मेरठ रोड के चौधरी मोड़ पर स्थित एक हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं के बीच खासा प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यह दक्षिणमुखी है और भक्तों तथा श्रद्धालुओं की यहा काफी भीड़ रहती है। हर मंगलवार और शनिवार को यहां काफी लंबी लाइन लगी रहती है। मंदिर के साथ एक मान्यता जुड़ी हुई है और कहा जाता है कि इस जगह पर काफी रोड एक्सीडेंट हुआ करते थे जिसके बाद यहां एक शख्स ने हनुमान जी की मूर्ति स्थापित कर दी और उसके बाद ऐसा चमत्कार हुआ कि यहां एक भी हादसा नहीं हुआ।
सीकरी देवी मंदिर (महामाया मंदिर )
गाजियाबाद जिले के मोदीनगर शहर के सीकरी खुर्द गाँव में स्थित सीकरी माता मंदिर (श्री महामाया देवी मंदिर) करीब चार सौ साल पुराना है। नवरात्रि में यहां भारी भीड़ उमड़ती है। इसकी पौराणिक और ऐतिहासिक मान्यताएं हैं। कहां जाता है कि मंदिर में बरगद का वह पेड़ आज भी मौजूद है जहां कई क्रांतिकारियों को फांसी दी गई थी। मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी में जालिम गिरि बाबा द्वारा किया गया था। महामाया मंदिर को देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। चैत्र माह की नवरात्रि के दौरान यहां नौ दिन तक बड़ा मेला लगता है और कई राज्यों से यहां भक्त दर्शन करने आते हैं।
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