NH 9 पर निश्चिंत होंकर भरें फर्राटा, न कांवड़ कैंप लगेंगे न कांवड़िए इस रोड पर चलेंगे!
सावन और कांवड़ यात्रा की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से हो रही है। इस बीच गाजियाबाद प्रशासन द्वारा पारंपरिक रोड पर शिविर लगाए जाएंगे। प्रशासन द्वारा एनएच 9 समेत 4 प्रमुख मार्गों की पहचान की गई हैं जहां शिविर नहीं लगाए जाएंग और लोग निश्चिंत होकर इन रास्तों पर यात्रा कर सकेंगे।
NH 9 पर नहीं लगेगा कांवड़ कैंप
सावन या श्रावण की शुरुआत 22 जुलाई से होने वाली है। सावन की शुरुआत के साथ ही कावड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में कांवड़ियों की आवाजाही के लिए जगह-जगह शिविर लगाए जा रहे हैं। कई रास्तों को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद किया जाएगा। इस बीच गाजियाबाद प्रशासन के अधिकारियों ने जानकारी दी कि ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Peripheral Expressway-EPE) पर कांवड़ियों की आवाजाही की अनुमति नहीं होगी। साथ ही एनएच 9 और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर कोई शिविर नहीं लगाया जाएगा।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और NH 9 पर फर्राटे से दौड़ेंगी गाड़ियां
एक अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने दिल्ली-मेरठ सहित 4 प्रमुख सड़कों की पहचान की है, जिसका प्रयोग हजारों कांवड़िए उत्तराखंड के हरिद्वार से लौटते समय करेंगे। अधिकारी ने बताया कि कांवड़ यात्रा के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से अधिकतम लोग हरिद्वार पहुंचते हैं। अपने घरों की वापसी के दौरान वह गाजियाबाद से होते हुए आगे बढ़ते हैं। ऐसे में जिले की यातायात व्यवस्था को सुचारू रखना अति आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए एनएच 9 और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर कांवड़ शिविर नहीं लगाए जाएंगे।
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कावड़ियों की आवाजाही के चार प्रमुख मार्ग
गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट इंद्र विक्रम सिंह ने कांवड़ियों की आवाजाही वाले 4 प्रमुख मार्गों की जानकारी दी। इन प्रमुख मार्गों में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (55 किमी मार्ग), एनएच 9 पर छिजारसी टोल प्लाजा से सेक्टर 62 (30 किमी), जानी सीमा से लोनी के पास टीला मोड़ (35 किमी) और कादराबाद सीमा से दिल्ली मेरठ रोड (45 किमी) शामिल हैं। इसके साथ ही बता दें कि कांवड़ मार्गों पर 30 से अधिक एंबुलेंस तैनात की जाएंगी। जरूरत के अनुसार, डायवर्जन रूट भी तैयार किया जाएगा।
पारंपरिक मार्गों पर लगेंगे शिविर
कावड़ यात्रा शुरू होने से पहले गाजियाबाद पुलिस ने फैसला लिया है कि कांवड़ शिविरों को केवल पारंपरिक मार्गों पर ही लगाया जाएगा। उसके अलावा अन्य सड़कों पर शिविर लगाने की अनुमति नहीं है। किसी भी स्थान पर शिविर लगाने से पहले गाजियाबाद पुलिस से अनुमति लेनी आवश्यक है।
पुलिस द्वारा जी जाएगी शिविर लगाने की अनुमति
अधिकारी ने बताया कि हर साल जिला प्रशासन द्वारा 150 से 200 करीब शिविर लगाने की अनुमति दी जाती है। इस दौरान सबसे अधिक शिविर दिल्ली-मेरठ रोड पर लगाए जाते हैं। अधिकारी ने आगे बताया कि इन स्थानों पर शिविर पुलिस की अनुमति के साथ लगाए जा सकते हैं। किसी भी क्षेत्र में शिविर लगाने के लिए संबंधित क्षेत्र के एसीपी की अनुमति आवश्यक है।
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