Ghaziabad News: गाजियाबाद मास्टर प्लान 2031 को मिली मंजूरी, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे होगा लॉजिस्टिक हब का निर्माण
Ghaziabad News: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने गाजियाबाद मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी दे गई है, जिसके बाद अब इस योजना को राज्य सरकार के पास भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। इस प्लान में लॉजिस्टिक हब को भी शामिल किया गया है।
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे बनेंगे दो लॉजिस्टिक हब
Ghaziabad News: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2031 को लेकर एक बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में गाजियाबाद मास्टर प्लान का ड्राफ्ट पेश किया गया, जिसे मंजूरी दे दी गई है। इस प्लान की तैयारी पिछले दो साल से चल रही है। वर्षों के विचार-विमर्श के बाद अब जाकर मंजूरी मिली है। अब, इसे अंतिम मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद प्लान को लागू कर दिया जाएगा। बता दें कि राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ये मास्टर प्लान मौजूदा प्लान 2021 की जगह ले लेगा।
इसके साथ ही औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे दो लॉजिस्टिक पार्क बनाने की भी तैयारी की जा रही है। आयोजित हुई जीडीए बोर्ड की 163वीं बैठक में गाजियाबाद मास्टर प्लान 2031 पर करीब 2 घंटे तक चर्चा की गई।
मौजूदा 2021 के प्लान को करेगा मास्टर प्लान 2031 रिप्लेस
हाल ही में गाजियाबाद मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी दी गई है। इसमें गाजियाबाद-डायसन, लोनी और मोदीनगर-मुरादनगर के तीन ड्राफ्ट को एकीकृत कर मास्टर प्लान तैयार किया गया है। राज्य सरकार से मंजूरी के बाद ये योजना मौजूदा 2021 की योजना की जगह लेगी और उसके अनुसार निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। सूत्रों के हवाले से आई जानकारी के अनुसार इस योजना को दिसंबर या जनवरी से शुरू किया जा सकता है। आधिकारिक तौर पर घोषणा का इंतजार है।
61365.77 हेक्टेयर जमीन का नियोजन
मास्टर प्लान 2031 के लागू होते ही गाजियाबाद डायसन, लोनी, मुरादनगर, मोदीनगर की 61365.77 हेक्टेयर जमीन का नियोजित तरीके से विकास किया जाएगा। पेश किए गए मास्टर प्लान 2031 को लेकर माना जा रहा है कि इससे प्राधिकरण के कोष में वृद्धि होगी तो विकास को भी गति मिलेगी।
लॉजिस्टिक हब का होगा निर्माण
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के करीब राज्य सरकार दो लॉजिस्टिक हब बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सात शहरों का चयन भी कर लिया गया है। इस योजना को लाने का मुख्य कारण रात में लगने वाला जाम है। दरअसल, रात के समय कच्चे माल और सामान ले जाने वाले भारी वाहन गाजियाबाद का उपयोग करते हैं, जिससे लॉजिस्टिक हब की जरूरत महसूस की जा रही है। जीडीए के अधिकारी ने इस संबंध में बात करते हुए जानकारी दी कि "शहर के बाहरी इलाके में लॉजिस्टिक हब बनाने की योजना पर कई वर्षों से चर्चा चल रही थी, ताकि भारी वाहनों को शहर की सीमा में प्रवेश न करना पड़े।"
इसके साथ उन्होंने बताया कि सरकार ने लॉजिस्टिक हब की योजना के लिए सात शहरों का चुनाव भी कर लिया है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसव के किनारे की जमीन की बात करें जो कुशलिया गांव से 240 हेक्टेयर भूमि और भोजपुर से 53.9 हेक्टेयर भूमि की पहचान कर ली गई है।
जीडीए ने बनाई सलाहकार नियुक्त करने की योजना
लॉजिस्टिक हब को लेकर राज्य सरकार गंभीर है। जीडीए ने शहर में बनने वाले लॉजिस्टिक हब के विकास के लिए एक सलाहकार नियुक्त करने की भी योजना बनाई है। जीडीए के अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, लॉजिस्टिक हब सार्वजनिक और निजी भागीदारी के साथ विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भूमि का अधिग्रहण लैंड पूलिंग नीति के अनुसार किया जाएगा, जिसमें 60 प्रतिशत भूमि पर लॉजिस्टिक हब और बची हुई 40 प्रतिशत भूमि किसानों को दी जाएगी। गाजियाबाद मास्टर प्लान 2031 में विकास को बढ़ाने के लिए लॉजिस्टिक हब और वेयरहाउस बनाने पर भी अधिक जोर दिया जा रहा है।
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वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.c...और देखें
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