Ghaziabad: गाजियाबाद के 6.28 लाख करदाताओं पर चलेगा निगम का चाबूक, अप्रैल में बढ़ेगा प्रॉपर्टी टैक्स

Ghaziabad: गाजियाबाद निगम निगम ने अपने कर दाताओं को बड़ा झटका दिया है। आगामी अप्रैल 2023 से नगर निगम क्षेत्र के अंदर की संपत्तियों के कर में 10 फीसदी का इजाफा होगा। इस बढ़ोतरी का सीधा असर 6.28 लाख करदाताओं की जेब पर पड़ेगा। यह फैसला नगर निगम बोर्ड की एक बैठक में लिया गया।

गाजियाबाद नगर निगम

मुख्य बातें
  • नगर निगम ने 10 फीसदी बढ़ाया संपत्ति कर
  • अप्रैल 2023 से लागू होगा बढ़ा हुआ कर
  • सर्किल रेट लागू होने तक बढ़े हुए दर पर वसूला जाएगा कर

Ghaziabad: गाजियाबाद के कर दाताओं को नगर निगम ने बड़ा झटका दिया है। नगर निगम क्षेत्र में आने वाली संपत्तियों के कर में अप्रैल 2023 से 10 प्रतिशत की बड़ी बढ़ोतरी होने वाली है। इस बढ़ोतरी का सीधा असर 6.28 लाख करदाताओं की जेब पर पड़ेगा। नगर निगम ने यह फैसला शनिवार को आयोजित निगम बोर्ड की बैठक में लिया। इस बैठक में फैसला लिया गया कि, जब तब राज्‍य सरकार की तरफ से डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर बढ़ाने के फैसला नहीं लिया जाता, तब तक करदाताओं से 10 फीसदी बढ़ोतरी के साथ कर वसूला जाएगा। यह फैसला नए वित्‍त वर्ष यानी अप्रैल माह में लागू हो जाएगा।
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बता दें कि, बीते साल राज्‍य सरकार ने गाजियाबाद में डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर बढ़ाने का पत्र जारी किया था, जिसका नगर निगम पार्षदों ने खुलकर विरोध किया था। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है, जिसकी वजह से अभी तक सर्किल रेट पर अंतिम फैसला नहीं हो सका है। गाजियाबाद नगर निगम ने इसे मौके के तौर पर लिया है और फैसला किया है कि, जब तक सर्किल रेट पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक कर दाताओं से 10 फीसदी बढ़ोतरी के साथ कर वसूला जाएगा।
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शहर में लगेंगे 5,500 स्ट्रीट लाइट

शहर की सड़कों और गलियों से अंधेरा दूर करने के लिए निगम के हर वार्ड में 50 अतिरिक्‍त स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी। गाजियाबाद नगर निगम में 100 वार्ड हैं, इस हिसाब से निगम इस साल 5,500 अतिरक्‍त स्ट्रीट लाइट लगाएगा। वहीं शहर के मुख्‍य मार्गों पर पहले से ही स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य जारी है, अब तक 1,300 स्ट्रीट लाइट लगाई जा चुकी हैं। इस बैठक में शहर की साफ-सफाई और गलियों के निर्माण को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया। पार्षदों ने कहा कि, निगम द्वारा वार्डों में विकास कार्यों के लिए 60-60 लाख रुपये काफी पहले स्वीकृत हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कार्य शुरू नहीं किया गया। पार्षदों ने कहा कि, बकाया भुगतान में भी देरी हो रही है, जिसके ठेकेदार कार्य को बीच में रोक देते हैं और परेशानी आम जनता को झेलनी पड़ती है।
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