Ghaziabad: नए साल में गाजियाबाद बनेगा स्वच्छ, दिल्‍ली की तरह यहां भी विकसित होंगी कैटल कॉलोनी

Ghaziabad: गाजियाबाद नगर निगम शहर को स्‍वच्‍छ बनाने के लिए दिल्‍ली की तर्ज पर शहर से बाहर कैटल कॉलोनी विकसित करने जा रहा है। निगम ने इसके लिए जीडीए से जमीन मांगी है। जमीन मिलने के बाद शहर के अंदर संचालित हो रही करीब 10 हजार डेरियों को यहां शिफ्ट कर दिया जाएगा। यह कार्य फरवरी माह तक शुरू हो जाएगा।

गाजियाबाद नगर निगम बनाएगा कैटल कॉलोनी

मुख्य बातें
  • गाजियाबाद शहर के अंदर करीब 10 हजार डेरियां मौजूद
  • सभी डेरियों को किया जाएगा कैटल कॉलोनी में शिफ्ट
  • डेरियों से निकलने वाली गंदगी से हो रही सीवर जाम होने की समस्‍या

Ghaziabad: नए साल पर गाजियाबाद शहर की स्‍वच्‍छता में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नगर निगम गाजियाबाद इस शहर में दिल्ली की तर्ज पर कैटल कॉलोनी विकसित करने जा रही है। अपनी इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए नगर निगम के पशु कल्याण विभाग ने जीडीए को पत्र लिखकर सहमति मांगी। जीडीए की तरफ से ईशरा मिलते ही गाजियाबाद शहर में चल रही दूध की डेयरियों को शहर के बाहर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इनके लिए एक स्‍थान पर कैटल कॉलोनी विकसित की जाएगी। बता दें कि राजधानी दिल्‍ली में एमसीडी ने कैटल कॉलोनी विकसित की है। इस जगह पर पशुओं को पाला जाता है। शहर को स्वच्‍छ बनाए रखने में यह योजना महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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कैटल कॉलोनी विकसित करने की योजना की जानकारी देते हुए गाजियाबाद नगर निगम के आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने बताया कि कैटल कॉलोनी विकसित करने की जिम्‍मेदारी पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अनुज सिंह को सौंपी गई है। इस संबंध में नगर निगम ने एक सर्वे भी कराया है। जिसके मुताबिक गाजियाबाद शहर क्षेत्र में इस समय करीब दस हजार डेरियां चल रही हैं। इनमें से सबसे ज्‍यादा डेरियां ग्रामीण एरिया या इसके आसपास के एरिया में संचालित हो रही हैं। इन डेरियों से निकलने वाली गंदगी की वजह से सबसे ज्‍यादा सीवर जाम होने की समस्‍या होती है।

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