Ghaziabad News: गाजियाबाद वासियों को न्यू ईयर गिफ्ट, जनवरी से इन क्षेत्रों में मिलेगा ‘गंगाजल’
Ghaziabad News: गाजियाबाद वासियों को नए साल तोहफा मिल गया है। यहां के लोगों को पीने के लिए अमृत यानी गंगा का पानी मिलेगा। प्लांट का निर्माण पूरा होने के बाद यहां पर मशीनें भी लगा दी गई हैं, जिनका परीक्षण 15 जनवरी के बाद किया जाएगा। 12.05 क्यूसेक गंगाजल आवास विकास परिषद की सिद्धार्थ विहार कॉलोनी में आपूर्ति किया जाएगा। जल निगम की ओर से 304 करोड़ की लागत से 50 क्यूसेक कैपेसिटी का गंगाजल प्लांट बनाया जा रहा है। यह प्लांट आवास विकास परिषद और नोएडा ओथॉरिटी की साझेदारी में बन रहा है।
गाजियाबाद के इन इलाकों को मिलेगा जनवरी-2023 से गंगाजल। (सांकेतिक तस्वीर)
मुख्य बातें
- प्लांट से 12.05 क्यूसेक गंगाजल सिद्धार्थ विहार कॉलोनी को मिलेगा
- 304 करोड़ की लागत से किया गया है प्लांट का निर्माण
- 15 जनवरी 2023 को किया जाएगा प्लांट का ट्रायल
Ghaziabad News: गाजियाबाद के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। आने वाले नए साल में यहां के लोगों को पीने के लिए अमृत यानी गंगा का पानी मिलेगा। जानकारी के मुताबिक सिद्धार्थ विहार और नोएडा में 50 क्यूसेक गंगाजल की आपूर्ति के लिए बनने वाले ट्रीटमेंट प्लांट की बाधा दूर हो गई है। बता दें कि एक व्यक्ति की निजी भूमि पाइप लाइन बिछाने में बाधक बन रही थी। संबंधित खबरें
अब जल निगम और भूमि के मालिक के बीच समझौता हो गया है। जल निगम के अधिकारियों के मुताबिक अब शेष रहे कामों को जनवरी 2023 तक पूरा कर इसे शुरू कर दिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक सिद्धार्थ विहार में जल निगम की ओर से 304 करोड़ की लागत से 50 क्यूसेक कैपेसिटी का गंगाजल प्लांट बनाया जा रहा है। यह प्लांट आवास विकास परिषद और नोएडा ओथॉरिटी की साझेदारी में बन रहा है।संबंधित खबरें
इन इलाकों की बुझेगी प्यासजल निगम के अधिकारियों के मुताबिक इस प्लांट से 37.05 क्यूसेक नोएडा की कॉलोनियों को और 12.05 क्यूसेक गंगाजल आवास विकास परिषद की सिद्धार्थ विहार कॉलोनी में आपूर्ति किया जाएगा। गौरतलब है कि महकमे के अधिकारियों ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले इस प्लांट का निर्माण पूरा कर पानी सप्लाई का दावा किया था। ये बात अलग है कि समय रहते इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया। प्लांट का निर्माण पूरा होने के बाद यहां पर मशीनें भी लगा दी गई हैं, जिनका परीक्षण 15 जनवरी के बाद किया जाएगा। जल निगम के एसई वाई पी शर्मा के मुताबिक प्लांट से गंगाजल आपूर्ति में सबसे बड़ी बाधा नोएडा और गाजियाबाद के बीच डाली गई पाइपलाइन को जोड़ने में आ रही थी। जिसमें एक निजी भूमि के नीचे से पाइप लाइन डाली जानी थी, मगर जमीन के ऑनर ने हाईकोर्ट में पीआइएल दायर कर रखी थी। हालांकि अब मामला सुलझ गया है। जिसमें नोएडा अथॉरिटी जमीन के दाम मालिक को देगी।
4 साल पहले निर्माण हुआ था आरंभगौरतलब है कि सिद्धार्थ विहार में 50 क्यूसेक गंगाजल प्लांट का निर्माण साल 2018 में शुरू किया गया था। मसूरी गंगनहर से सिद्धार्थ विहार तक बिना शोधित पानी प्लांट तक लाने के लिए 1500 मिलीमीटर व्यास की 20 किमी लंबी पाइपलाइन डाली गई है। एनएच-9 का निर्माण पूरा होने से पहले यह काम पूरा कर लिया गया था। इसके बाद प्लांट का निर्माण पूरा किया गया। इसके आरंभ होने के बाद सिद्धार्थ विहार में आवास विकास परिषद की कॉलोनी के करीब एक लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा।
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